जयराम विद्यापीठ की वैष्णो देवी गुफा में भी नवरात्र पूजन के लिए पहुंच रहे हैं श्रद्धालु।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जयराम विद्यापीठ की वैष्णो देवी गुफा में सजा मां का दरबार।
विद्यापीठ में निरंतर चल रहा है दुर्गा सप्तशती पाठ।
जयराम विद्यापीठ में दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ हुई मूल मंत्र के साथ कुमकुम एवं सुहासिनी पूजा।
कुरुक्षेत्र, 26 मार्च : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से कलकत्ता के श्रद्धालुओं द्वारा करीब डेढ़ दशक पहले स्थापित की गई श्री वैष्णो देवी गुफा में नवरात्रों के अवसर पर मां के भगतों की संख्या बढ़ जाती है। उल्लेखनीय है कि विद्यापीठ की वैष्णो देवी गुफा में कटरा से लाई गई अखंड ज्योति जल रही है। इस लिए भी श्रद्धालुओं की आस्था अधिक है।
विद्यापीठ में वैष्णो देवी का भव्य दरबार सजा हुआ है जहां नवरात्रों के अवसर पर पूजन किया जा रहा है। इसी के साथ परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से नवरात्रों के अवसर पर 51 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा निरंतर श्री दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान किया जा रहा है। अनुष्ठान के पांचवें दिन भी भारी संख्या में श्रद्धालु पूजन के लिए पहुंचे।
आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने बताया कि आद्य शक्ति आराधना के महापर्व चैत्र नवरात्र पूजन में शक्ति की आराधना में नियमों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान विधि में नौ कुंवारी कन्याओं का पूजन करना चाहिए जो 2 से 10 वर्ष तक की होनी चाहिए। आचार्य लेखवार ने बताया कि कन्या पूजन में संपूर्ण मनोरथ, सिद्धि, यश, धन तथा पुत्र प्राप्ति के लिए कन्याओं का आवाहन कर प्रत्येक देवी का नाम लेकर यथा ‘मैं मंत्राक्षरमयी लक्ष्मीरुपिणी, मातृरुपधारिणी तथा साक्षात् नव दुर्गा स्वरूपिणी कन्याओं का आवाहन करता हूं तथा प्रत्येक देवी को नमस्कार करता हूं।’ इस प्रकार से प्रार्थना करनी चाहिए।
नवरात्रों के चलते विद्यापीठ में आद्य शक्ति का नवीन शृंगार कर दर्शनों के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शाम को दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान हवन, सुहासिनी पूजा, मूल मंत्र हवन और फिर कुमकुम पूजा की गई। इस अवसर पर सेवक रोहित कौशिक के साथ जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, जयराम शिक्षण संस्थान के निदेशक एस एन गुप्ता, के के कौशिक, श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, प्राध्यापक प्रवीण शर्मा, राम जिवारी इत्यादि भी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्र पर सजा मां का दरबार।