वी वी न्यूज़ तिर्वा तहसील संवाददाता अवनीश कुमार तिवारी
हसेरन
सुदामा चरित्र की कथा सुन भक्त हुए भाव विभोर
कस्बा हसेरन के देव कुटी आश्रम मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर सुदामा चरित्र की कथा सुनाइ गयी। कथावाचक आचार्य अखिलेश द्विवेदी ने भक्ति भाव से भगवान कृष्ण बचपन सखा सुदामा की मार्मिक कथा सुनाई । व्यास जी ने व्यास पीठ पर अपनी मधुर वाणी से सुदामा चरित्र की कथा का मनोहर वर्णन किया । उन्होंने कथा में बताया एक बार की बात है सुदामा और कृष्ण गुरुकुल में रहकर पढ़ते थे । सुदामा एक ज्ञानी पुरुष थे । एक बार गुरु माता ने आदेश दिया कि जाओ भोजन के लिए लकड़ी ले आओ । बचपन के मित्र कृष्ण और सुदामा लकड़ी लेने चले गए । भूख लगने पर गुरु माता ने कुछ चने दिए थे । वह चने श्रापित थे । जो इन्हें ग्रहण करेगा वह दरिद्र हो जाएगा । सुदामा जी सब कुछ जानने जानते थे । अपने मित्र के लिए उन्होंने स्वयं चने चबा लिये । कथा सुन भक्त भक्ति भाव में दिखे । सुदामा द्वारकाधीश कृष्ण से मिलने पहुंचे । वहां के द्वारपाल अंदर जाने से मना कर दिया । सुदामा जी हताश होकर वापस जाने लगे जैसे ही कृष्ण को पता लगा कि हमारे बचपन के सखा मित्र सुदामा हमारे द्वार पर आए हैं । सब कुछ भूल बैठे नंगे पांव तोड़ कर अपने बचपन सखा को गले लगा लिया । यह सब देखकर द्वारकापुरी के लोग अचंभित रह गए ।