श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में सावन शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने चढ़ाया जल एवं किया पार्थिव शिवलिंग अभिषेक।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सावन में स्वयं भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित पृथ्वी पर विराजते हैं : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 15 जुलाई : सावन की शिवरात्रि के अवसर पर मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे।
इसी मौके पर अखिल भारतीय मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी तथा अन्य संतों के सान्निध्य में श्रद्धालुओं ने सावन की शिवरात्रि का विशेष पार्थिव शिवलिंग अभिषेक किया। सावन की शिवरात्रि के कारण अलग अलग परिवारों ने यजमान के तौर पर पार्थिव शिवलिंग अभिषेक किया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सावन शिवरात्रि के दिन श्रद्धा पूर्वक शिव भक्तों द्वारा पार्थिव शिवलिंग अभिषेक करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति के साथ कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि सावन शिवरात्रि पर श्रद्धा एवं सच्चे मन से केवल एक लोटा जल चढ़ाने से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। साथ ही सावन की शिवरात्रि के साथ ही त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती है।
महंत जगन्नाथ पुरी ने सावन महीने में शिव पूजा का महत्व बताया कि स्वयं भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित पूरे सावन में पृथ्वी पर विराजते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान शिव जब जीव का संहार करते हैं, तो महाकाल बन जाते हैं। यही शिव महामृत्युंजय बनकर उसी जीव की रक्षा भी करते हैं, तो शंकर बनकर जीव का भरण-पोषण भी करते हैं। यही योगियों के सूक्ष्म तत्व महारूद्र बनकर योगियों-साधकों, जीवात्माओं के अंतस्थल में विराजते हैं और रूद्र बनकर महाविनाश लीला भी करते हैं।
पार्थिव शिवलिंग अभिषेक के अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, अजय शर्मा, कविता शर्मा, देवा राणा, दर्शन सिंह, दलबीर, बंटी, अशोक, मनदीप, शोभा देवी, डा. विजय दत्त, हरिओम, बिल्लू पुजारी, भाना राम, नाजर सिंह व सुक्खा सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्रद्धालु सावन शिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक करते हुए तथा विसर्जन के लिए जाते हुए।