कृष्ण विवाह का प्रसंग सुन , भक्ति में दिखे भक्त
✍️ कन्नौज
कन्नौज। मानीमऊ स्थित आनंदेश्वर धाम में मां दुर्गा सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही सत चंडी महायज्ञ एवं सप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा के छठे दिवस में कथा व्यास परम श्रद्धेय पंडित शिवाकांत जी महाराज ने भक्ति और ज्ञान की चर्चा सुनाते हुए कहा कि मनुष्य में ज्ञान और भक्ति दोनों का ही समावेश होना चाहिए । क्योंकि बिना ज्ञान के भक्ति अंधी होती है । और बिना भक्ति के ज्ञान लंगड़ा माना गया है । इसलिए मनुष्य में ज्ञान और भक्ति दोनों का ही समावेश होना चाहिए । महारास की कथा में व्यास जी ने कहा कि कामदेव की पराजय का नाम ही महारास है । कंस वध , गोपी उद्धव संवाद एवं बड़े ही मार्मिक ढंग से भगवान श्री कृष्ण एवं रुक्मणी जी के विवाह की कथा सुनाई गई । कथा सुन भक्त भक्ति भाव में दिखे। यह आयोजन आचार्य श्री कौशल किशोर जी महाराज के संयोजन में हो रहा है । व्यास के मुखारविंद उसे अमृत रूपी कथा का रसपान किया। श्रीमद् भागवत कथा दुखों को दूर करने वाली है । कथा श्रवण करने मात्र से ही मनुष्यों के दुख दूर हो जाते है ।