डिजीटल प्रिंटिग ने मानव जीवन शैली को अधिक प्रभावित किया : प्रोफेसर अनायत

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में डिजिटल प्रिंटिंग पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन।

कुरुक्षेत्र, 2 जून :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान एवं ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर एसोसिएशन ने संयुक्त तत्वाधान में ‘भारत में डिजिटल प्रिंटिंग का परिदृश्य’ विषय पर एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह ऑनलाइन संगोष्ठी डिजीटल प्रिंटिग के जनक बैनी लेंडा के जन्मदिवस पर आयोजित की गई।
इस ऑनलाइन संगोष्ठि में बतौर मुख्यवक्ता चौधरी दीनबंधु छोटूराम टैक्निकल विश्वविद्यालय, मुरथल सोनीपत, के प्रोफेसर राजेंद्र कुमार अनायत कुलपति ने कहा कि भारत में भविष्य मे आना वाला समय डिजीटल प्रिटिंग की उंचाईयों वाला है, क्योंकि डिजीटल प्रिंटिंग ने मानव जीवन की जीवनशैली को हर क्षेत्र में प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि डिजीटल प्रिंटिग ने समस्त उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों, व समस्त खुदरा व्यापार तक अपनी सशक्त पहुंच बनाई है। वर्तमान में ऐसा कोई उद्योग नहीं है जिसमें डिजिटल प्रिंटिग का प्रयोग नहीं हो रहा है। भारत की आत्मनिर्भरता को इस दिशा में लाने के लिए यह उद्योग एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो थ्री डी प्रिंटिग का जो चलन है वह वास्तव में डिजीटल प्रिंटिग पर ही आधारित है।
इस अवसर पर पीएम डिजीटल प्रोडक्ट के. पी. चैलप्पन ने कहा कि भारत में डिजीटल प्रिंटिग उद्योग दूसरे प्रिंटिग उद्योगों से अधिक गति में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में आने वाले कुछ ही वर्षों में वह समय आने वाला है जब लोग एटीएम की तरह ही जगह-जगह डिजीटल प्रिंटिग का उपयोग करने लगेगे।
इस अवसर पर जेनस इंटरनेशनल के निदेशक डेनेवर ने कहा कि डिजीटल प्रिंटिग का उपयोग लैबलिंग व पैकजिंग के समस्त प्रोडक्स में उसकी परिदृश्यता को अधिक लोगों में प्रभावी बनाने के उदेश्य से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से विभिन्न निर्माता उद्योगों में बिक्री का व्यापार बढ़ता जा रहा है। भारत इस दिशा में अन्य बहुत से देशों से अग्रिय स्थान पर है।
ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर एसोसिएशन अध्यक्ष प्रोफेसर कमल चोपड़ा ने कहा कि हमारी एसोसिएशन डिजीटल प्रिंटिग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि हम अपनी एसोसिएशन के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों को उद्योगों के अनुसार संरचना कर रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम के दौरान अधिक से तकनीकी पहलुओं व व्यावहारिक रूप से समझने का मौका दे रहे हैं ताकि वे भविष्य में विभिन्न उद्योगों में अपना स्वर्णिम भविष्य बना पाये। उन्होंने कहा कि हमारी एसोसिएशन विद्यार्थियों को अधिक से अधिक रोजगार देने के साथ विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक समय में छात्रवृत्ति भी देने का कार्य कर रही है।
जनसंचार एवं मीडिया प्रोद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने इस अवसर इस संगोष्ठी में सभी प्रबुद्ध तकनीकी विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऑनलाइन संगोष्ठी भारत की नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक संस्थानों व औद्योगिकी संस्थानों के संयुक्त रूप में कार्य करने की दिशा में एक प्रगतिशीलता को आगे बढ़ायेगी। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के तहत समस्त तकनीकी पहलुओं व पाठयक्रम के अनुरूप विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा देना है। इस रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से ही विद्यार्थिगण भविष्य में अपना स्वर्णिम भविष्य बनाने में सफल होगे ऐसी आशा है।
इस ऑनलाइन संगोष्ठी का संचालन कर रहे कार्यक्रम के संयोजक कंवरदीप शर्मा ने कहा कि इस संगोष्ठी में देश और विदेश के 385 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम संस्थान में पहले भी होते रहे है और भविष्य में भी होते रहेगे। उन्होंने सभी प्रबुद्ध तकनीकी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर संस्थान के प्राध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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