पुस्तक “काफिला” के हो रहें चर्चे
फारबिसगंज (अररिया),
ग्राम तकिया टोला, कुर्साकांटा में जन्में राजीव रंजन विश्वास द्वारा लिखी गयी पुस्तक इन दिनों काफी चर्चे में है। मंगलवार को जब फारबिसगंज डीएसपी राम पुकार सिंह को पुस्तक ‘काफिला’ भेंट किया गया तो उन्हें काफी खुशी हुई कि इतनी कम उम्र में लेखक ने ग्रामीण क्षेत्र में रहकर पुस्तक लिखी है। उन्होंने लेखक को शुभकामनाएं देते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इनके पिता सच्चिदानंद विश्वास एक शिक्षित व प्रतिष्ठित किसान व माता गृहिणी है। इन्होंने आरंभिक शिक्षा कुर्साकांटा व उच्च शिक्षा मुख्यतः फारबिसगंज में प्राप्त किया। सभी रसों से सुसज्जित इस पुस्तक को हरेक तबकों के लोगों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है। चाहे वो बच्चे, बूढ़े, नारी, युवा, किसान हो या हमारे देश के वीर सैनिक। पुस्तक काफिला में 14 कविताएं, 19 गजलें, 5 लघु-कथाएं के साथ-साथ बच्चों की आरंभिक शिक्षा के बारें में कुछ सुझाव भी शामिल है। महज 25 वर्ष के उम्र में इनके नाम कई उपलब्धियां है। इन्हें इनके लेखन व संपादन के लिए फारबिसगंज, पटना, दिल्ली, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश जैसे जगहों से विभिन्न तरह के सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।2015 में पटना के एक स्कूल में इनकी एक वीर रस की रचना को प्रथम स्थान में जगह मिली थी, जिस रचना को बाद में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी खूब सराहा। उसी वर्ष जिलास्तरीय भाषण प्रतियोगिता में भी दूसरे स्थान लाकर पूरे सूबे का नाम रौशन किया था।इनकी इस प्रतिभा को देखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने इन्हें अनुवादक के रूप में चुना है।