उत्तराखंड: त्योहारों के सीजन में घुलने ने दे मिलावट का जहर,ऐसे करें पहचान!

देहरादून: त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। कुछ ही दिन में दीपावली, भैया दूज आने वाले हैं। ऐसे में उत्सव का मजा दोगुना करने और रिश्तों में मिठास घोलने के लिए लोग घर में ही कई तरह की मिठाइयां बनाते हैं। ज्यादातर मिठाइयां मावा से बनाई जाती हैं, लेकिन, मिठाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मावा अगर नकली हो तो न सिर्फ त्योहार का मजा खराब हो जाता है, बल्कि सेहत को भी काफी नुकसान होता है। ऐसे में मावा खरीदते समय इसकी पहचान कर लेना जरूरी है।

ऐसे होता है मिलावट का कारोबार

-एक किलो दूध से तकरीबन 200 ग्राम मावा ही निकलता है। जाहिर है इससे व्यापारियों को ज्यादा फायदा नहीं होता। लिहाजा मिलावटी मावा बनाया जाता है।

-इसके लिए अक्सर शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदा का इस्तेमाल होता है।
-नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन के साथ ही आलू मिलाया जाता है। आलू इसलिए ताकि मावे का वजन बढ़े। वजन के लिए ही आटा भी मिलाया जाता है।

-नकली मावा असली मावा की तरह दिखे, इसके लिए इसमें कुछ केमिकल भी मिलाया जाता है। कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर मावा तैयार करते हैं।

ऐसे करें असली-नकली की पहचान…

-मावा हथेली पर रखने पर यदि तेल छोड़ता है तो मिलावट नहीं है।
-मावे को हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। फिर इसमें थोड़ा चने का आटा और चुटकी भर हल्दी मिला दें। यदि रंग गुलाबी आता है तो समझिये इसमें मिलावट है।

-यह ध्यान रखें कि असली मावा मुलायम और नकली दरदरा होता है।

-असली मावे को खाने पर कच्चे दूध जैसा स्वाद आएगा। नकली मावा चखने पर स्वाद में कसैला होता है।

-नकली मावे का पता लगाने के लिए उसे पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में अलग हो जाएगा।
नकली मावे से लिवर की भी होती है दिक्कत

वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीन पंवार ने बताया कि नकली मावे से फूड प्वाइजनिंग, उल्टी, पेट दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है। खराब मावे से बनी मिठाइयां खाने से किडनी और लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है।

Read Article

Share Post

uttarakhand reporter

साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड: दारमा घाटी में फंसे 44 ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से धारचूला पहुचाया!

Sun Oct 31 , 2021
पिथौरागढ़ : उच्च हिमालयी दारमा घाटी में हिमपात और मार्ग बंद होने से फंसे ग्रामीणो को हेलीकाप्टर से निकालने का कार्य दूसरे दिन भी जारी रहा। सेना और सरकार के हेलीकाप्टर ने सात उड़ानें भर 44 लोगों को धारचुला पहुंचाया। दारमा घाटी के 14 गांवों के ग्रामीण शीतकालीन माइग्रेशन करने लगे हैं। […]

You May Like

advertisement