जिला मुख्यालय रुद्रपुर में शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे लोगों को रोका गया मुख्यालय के मुख्य द्वार पर दी श्रद्धांजलि
आखिर क्या इससे ही कहते हैं आजाद भारत पुलिस का लगा दिया गया सख्त पहरा गुलामी की जंजीरों में जकड़े गये मजदूर महिलाएं और आम जनमानस
रुद्रपुर – कहा जाता है आजाद भारत में हर वर्ग को स्वतंत्रता से जीने का मौलिक अधिकार है बीते रोज शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर सैकड़ों मजदूरों और महिलाओं सामाजिक संगठनों के लोगों जिला मुख्यालय रुद्रपुर में स्थापित ऊधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे लेकिन उनके यहां प्रवेश को लेकर तुगलकी फरमान जारी कर दिया जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने इन लोगों के आने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी और मुख्य द्वार पर पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया अब सवाल यह है कि क्या एक आम नागरिक को इतना भी अधिकार नहीं है कि वह देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों को पूरी आजादी से श्रद्धासुमन अर्पित कर सके जिसके गुलामी की जंजीरों में क़ैद इन लोगो ने जिला मुख्यालय के मुख्य द्वार पर शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया देर रात तक मुख्य द्वार बंद रहा जिसके बाद इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया और श्रमिक नेता सुब्रत विश्वास ने कहा कि हर साल की इस साल भी मजदूर और समाजिक कार्यकर्ता शहीद ऊधम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने आए थे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी और पुलिस को तैनात कर दिया, वहीं इंकलाबी मजदूर केन्द्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट का कहना है कि आजाद भारत के आजाद नागरिकों के लिए आजाद कर दिया जाए और जिला मुख्यालय के बाहर उनकी प्रतिभा को स्थापित कर दिए जाएं जिससे की आम जनता को भी शहीदों की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित का अवसर मिले इस दौरान दलजीत सिंह, गणेश मेहरा भाकपा माले के ललित मटियाली सुबत विश्वास रजनी जोशी मुकुल शिवदेव सिंह दिनेश चंद्र हरेन्द् सिंह कैलाश भट्ट अमर सिंह वीरेंद्र कुमार योगेन्द्र सिंह हरीश सिंह राणा रविन्द्र कुमार सुनीता प्रकाश सिंह मेहरा गोविंद सिंह अर्जुन सिंह निर्देश यादव पान मोहम्मद देवेन्द्र सिंह सुरेश गीता सहित अन्य लोग मौजूद थे।