सिद्धयोग शक्ति दरबार में तनाव-मुक्त ध्यान पद्धति का दिव्य अनुभव

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : सिद्धयोग शक्ति दरबार के प्रांगण में गुरुदेव गोविन्द जी एवं गुरुमाता आस्था जी की दिव्य उपस्थिति में विशेष तनाव-मुक्त ध्यान सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में साधकों ने भाग लिया। सत्र के दौरान उपस्थित साधकों ने गहन शांति, ऊर्जा जागरण और आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव किया।
गुरुदेव गोविन्द जी ने बताया कि आधुनिक समय में लोग ध्यान को भी तनाव लेकर ही करते हैं—
“लोग सोचते हैं कि हमें ध्यान करना है… और इस सोच में वे अनजाने में तनाव में आ जाते हैं।”
गुरुदेव ने बताया कि सिद्धयोग शक्ति दरबार में ध्यान किसी प्रयास या तनाव के साथ नहीं, बल्कि गुरु के शक्तिपात से स्वतः ही होता है।उन्होंने कहा- “यहाँ ध्यान लगाने के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। गुरु की कृपा-शक्ति तरंगें साधक को भीतर की गहराई में तुरंत ले जाती हैं। जो कार्य वर्षों की साधना में होता है, वह यहाँ कुछ ही मिनटों में संभव हो जाता है।”
सत्र की विशेषता यह रही कि कई नए साधकों ने भी गहरे और अप्रत्याशित अनुभव प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि वे इतनी सहजता से ध्यान में उतरे जैसे वे वर्षों से अभ्यास कर रहे हों। ऊर्जा प्रवाह, स्थिरता और आंतरिक जागरण जैसी गहरी अनुभूतियाँ भी साधकों द्वारा व्यक्त की गईं।
कार्यक्रम के अंत में गुरुदेव ने सभी साधकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ध्यान को जीवन में सहजता, प्रेम और स्वाभाविकता के साथ अपनाना चाहिए—
“ध्यान तनाव लेकर नहीं, बल्कि कृपा के प्रवाह में समर्पित होकर किया जाए, तभी उसका वास्तविक आनंद मिलता है।”
ध्यान सत्र में धर्मेंद्र सिन्हा, मधुरलता वर्मा,मुनीश राजपूत,अवनीश मिश्रा,स्वजल कपूर, सुमिधा मेहरोत्रा,सुकेश सेना,राजीव शर्मा,मनोज सक्सेना,शशि मिश्रा,कंचन अग्रवाल,प्रियंका कपूर,अमर सिंह,मधु,पूनम अग्रवाल,विमल मेहरोत्रा,हर्षित अग्रवाल,नेहा मिश्रा सहित बड़ी संख्या में साधकगण उपस्थित रहे।




