प्रमंडलीय आयुक्त ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण
विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक, दिया जरूरी निर्देश
सेवाओं की बेहतरी के लिये किया जा रहा जरूरी प्रयास, दूर हो रही है मैनपॉवर की कमियां
अररिया, 14 सितंबर ।
स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी राज्य सरकार के प्राथमिकताओं में शुमार है। विभिन्न स्तरों पर ऐसे लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि आम लोगों को गुनवातापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं कि उपलब्धता सुनिश्चित कराया जा सके। बुधवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण के क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त पूर्णिया ने उक्त बातें कही। सदर अस्पताल पहुंचने पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुके देकर प्रमंडलीय आयुक्त का स्वागत किया। आयुक्त ने अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन संरचना, खाली परिसर का मुआयना किया। इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय पहुंच कर उन्होंने विभिन्न विभागीय दस्तावेजों का गहनता पूर्वक निरीक्षण करते हुए। विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चाएं की। इस क्रम में जिलाधिकारी इनायत खान, सिविल सर्जन डॉ विधानचंद सिंह, डीआईओ डॉ मोइज, डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।
निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से मुखातिब प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने कहा कि सदर अस्पताल अररिया का ये सामान्य निरीक्षण था। स्वास्थ्य विभाग को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी केंद्र व राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसे लेकर पैसों की कोई कमी नहीं है। मैनपॉवर का अभाव है। राज्य सरकार निरंतर इस कमी को दूर करने के प्रयास में जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को संतोषप्रद सेवा मुहैया कराया जाना है। अधिकारियों के साथ इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि जिले में विभिन्न अस्पतालों के पास उपलब्ध जमीनों की समीक्षा की गई है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं। जिले में 73 एपीएचसी हैं। इसमें फिलहाल 37 क्रियान्वित हैं। शेष एपीएचसी को क्रियाशील बनाने का निर्देश संबंधी अधिकारियों को दिया गया है। इतना ही नहीं सभी प्रखंडों में नए अस्पताल भवन का निर्माण होना है। जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर इसके लिये जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना है। सदर अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन मॉडर्न अस्पताल भवन का निर्माण समय पर पूर्ण कराने का निर्देश संबंधित एजेंसी के अधिकारी को दिया गया है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के तहत उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं में कुछ कमी सामने आया है। इसे दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। स्टाफिंग प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने, कर्मियों को सीनियरिटी, प्रमोशन के लाभ समय पर उपलब्ध कराने, विभिन्न योजना मद में उपलब्ध कराई जा रही राशि का सदुपयोग करने का निर्देश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने स्वास्थ्य मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जिले में संचालित अवैध नर्सिंग होम, प्राइवेट पैथोलॉजी व लैब संचालकों के खिलाफ सख्ती के आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा निबंधित पैथोलॉजी व क्लीनिक की सूची तैयार की गई है। क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के विरुद्ध संचालित अवैध नर्सिंग होम व क्लीनिक के खिलाफ पहली गलती पर 50 हजार, दूसरी गलती पर 02 लाख व तीसरी गलती पर 05 लाख रुपये जुर्माना के प्रवधानकी जानकारी उन्होंने दी।