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बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने पूर्णिया के जदयू सांसद संतोष कुशवाहा द्वारा संसद में जाति जनगणना कराए जाने की मांग की सराहना किया है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि बिना जातिवार जनगणना के देश में ओबीसी के बहुसंख्यक समाज को विकास की रोशनी से दूर धकेला जा रहा है। शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति ,नामांकन ,सरकारी सेवाओं एवं स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों में आरक्षण के संवैधानिक अधिकारों से लंबे समय से वंचित किया जा रहा है। 1931 के जनगणना के आधार पर 52% आबादी वर्तमान में सरकारी सेवाओं में केंद्र सरकार के सरकारी आंकड़े मात्र 5 से 7% है। देश के विभिन्न संस्थानों पर इन बहुसंख्यक पिछड़ों की संख्या नगण्य है, इन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर आजादी के बाद हाशिए पर पहुंचा दिया गया है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि सिर्फ जदयू के सर्व मान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सांसदों को संसद में इस ज्वलंत मुद्दे पर सरकार को घेरने का निर्देश जारी करेंगे तो वर्तमान सत्र में ही जातिगत जनगणना कराए जाने से संबंधित बिल पास हो जाएगा । प्रोफेसर आलोक ने कहा कि भाजपा के पूर्ववर्ती सरकार के गृह मंत्री माननीय राजनाथ सिंह के द्वारा ओबीसी जाति का जनगणना कराने की घोषणा के बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार मुकर गई है जो पिछड़ों के साथ भारी छल है।