दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा स्थानीय आश्रम में रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष में सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन

(पंजाब) फिरोजपुर 10 अगस्त [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय आश्रम में रक्षा बंधन पर्व के उपलक्ष्य में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी दीपिका भारती साध्वी अनु भारती , साध्वी प्रीति भारती साध्वी हरि दीपिका भारती एवं साध्वी करमाली भारती ने सभी को रक्षाबंधन की बधाई दी और इस पर्व की महानता बताते हुए कहा कि हर त्योहार हमें आध्यात्मिक संदेश देता है। जैसे रक्षाबंधन के त्योहार पर बहन-भाई के बीच रक्षा सूत्र के द्वारा पवित्र भावों का आदान प्रदान होता है और भाई अपनी बहन को आजीवन सुरक्षा का वचन देता है। इसे यदि आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो हमारा प्रत्येक बंधन व सनातन रिश्ता परमात्मा से है जो हमारी आत्मा के शाश्वत बंधु है। जब एक आत्मा परमात्मा के साकार स्वरूप सद्गुरू से ब्रह्मज्ञान रूपी रक्षा सूत्र द्वारा बंध जाती है तो सद्गुरू उस आत्मा का योग और क्षेम वहन करते हैं ,उसे हर कदम पर मार्ग दर्शन देते हैं। गुरु और शिष्य में जो शाश्वत और महान संबंध है वह तभी स्थापित हो सकता है जब हम अपने मन बुद्धि से विषय विकारों का त्याग करके सात्विकता व पवित्रता को धारण करते हैं। गुरू आज्ञा में रहकर अपने जीवन को सार्थक करना ही हमारा परम लक्ष्य होना चाहिए। हमें केवल बाहरी तौर पर ही त्योहारों को नहीं मनाना अपितु उनके आध्यात्मिक मर्म को भी आत्मसात करना होगा।फिर हमारे द्वारा मनाया गया हर त्योहार सार्थक होगा। सांसारिक रिश्तों का महत्व तभी समझ में आएगा जब हमें खुद के भीतर उस परमात्मा की झलक मिलेगी व पूर्ण गुरू से ब्रह्यज्ञान प्राप्त करके अपने अंतः करण को शुद्ध व पवित्र करेंगे। दिव्य सत्संग विचारों के अतिरिक्त साध्वी ने भजन कीर्तन से समूह संगत को निहाल कर दिया।
ध्यान देने योग्य है की संस्थान द्वारा पर्यावरण विकास की ओर उन्मुख अपने “संरक्षण” प्रकल्प के अंतर्गत “वन महोत्सव” के रूप में अधिक से अधिक पौधे लगा कर उनका संरक्षण भी किया जाता है। इसी तथ्य के अनुसार आज “रक्षा बन्धन पर्व” पर साध्वी जी ने संगत को अधिक से अधिक पौधे लगाने की प्रेरणा दी। साथ ही पौधों को राखी बाँध कर साध्वी ने पौधारोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया और संगत को पौधे भी वितरित किये गए।




