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रिपोर्ट पदमाकर पाठक
सीने में दर्द को ना करें नजरअंदाज, रहें सतर्क – डॉ अनिलेश यादव
• जब दिल की धमनियां पूरी तरह से या आंशिक रूप से बंद हो जाती हैं तब पड़ता है दिल का दौरा।
आजमगढ़। 22 अगस्त को
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी रोग), जिसे कोरोनरी हृदय रोग भी कहा जाता है, यह हृदय की सामान्य बीमारी है, जोकि कई व्यक्तियों को प्रभावित करती है। यह बीमारी हृदय में कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण होती है। हमारे शरीर में जो वाहिकाएँ (वेसेल्स) होती हैं। वह लम्बी और लचीली होती हैं, जिससे वह संकरी और कठोर हो जाती हैं जिससे हृदय की दीवारों में खून ठीक से नहीं पहुँच पाता है, जिसके कारण हृदय ठीक से पंप नहीं कर पाता और ह्रदय कमजोर हो जाता है। मंडलीय जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनिलेश यादव ने बताया कि मंडलीय जिला चिकित्सालय में पांच विशेषज्ञों की ओपीडी होती है। हमारी ओपीडी में इस समय लगभग 90 से 100 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। जिसमें 35 से 40 मरीज ह्रदय रोग से संबन्धित बीमारी के होते हैं। इस क्रम में जून माह में 3476, जुलाई में 3651 तथा अगस्त में अब तक 3283 मरीजों की ओपीडी हुई है। इस बीमारी में आप छाती में दर्द और भारीपन महसूस करते हैं। जो चलने या सीढ़ी चढ़ने पर बढ़ जाता है। यह दर्द मुख्य रूप से छाती के बीच में या बाईं ओर होता है। सीने में दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई होना, ज्यादा पसीना होना जैसे लक्षण कोरोनरी आर्टरी डिजीज के होते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस रोग में साबूत अनाज का सेवन करना चाहिए। सुबह नाश्ते में फल खाने चाहिए। अनाज और सब्जियों को मुख्य रूप से सुबह और शाम के भोजन में खाना चाहिए। सोयाबीन खाना बहुत अच्छा होगा। इस बीमारी में मिठाई का सेवन कम से कम करना चाहिए। हृदय रोग में अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अदरक के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और रक्तचाप भी कम होता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण कई बार डॉक्टर आपरेशन द्वारा इसका इलाज करते हैं। लेजर तकनीक, धमनी बाईपास सर्जरी और एनजीओ प्लास्टिक सर्जरी द्वारा इस बीमारी का इलाज किया जाता है। ब्लाक कोयलसा के अंतर्गत कौड़िया गाँव निवासी 32 वर्षीय हरिकिशन ने बताया कि मुझे सीने में दर्द होता था, सांस फूलने के साथ पसीना भी ज्यादा होता था। मैंने जून में डाक्टर को दिखाया था, उन्होंने जाँच करायी और दवा भी अस्पताल से दिलाया था, 15-15 दिन पर मुझे फालोअप के लिए बुलाया गया, डाक्टर द्वारा बताये गये परहेज के अनुसार दवा किया। मैं बिलकुल स्वस्थ हूँ अब मुझे कोई समस्या नहीं है। खारुकेपुर गाँव निवासी 47 वर्षीय लीला देवी ने बताया कि मुझे सीने में दर्द के साथ सांस फूलने की समस्या थी। मैंने यहाँ डाक्टर को दिखाया, उन्होंने जाँच करायी और दवा दी, 20 दिन पर मुझे बुलाया गया था, डाक्टर द्वारा बताये गये परहेज के साथ दवायें लीं। अब मैं बिलकुल ठीक हूँ।