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फिरोजपुर मंडल के मंडल चिकित्सालय में कार्यक्रत डॉक्टर कमल कुमार ने बताया कि समय रहते किसी व्यक्ति को सीपीआर दिया जाए तो मरीज के जीवित रहने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है
फिरोजपुर 25.11.2022 {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:=
फिरोजपुर मंडल के मंडल चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. कमल कुमार ने बताया कि सीपीआर को Cardiopulmonary resuscitation (CPR) कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति की सांस अथवा दिल की धड़कन रुक जाए तो इस टेक्निक द्वारा उसकी जान बचाई जा सकती है। किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने के दौरान हृदय, मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में खून पंप नहीं कर पाता है। कभी-कभी एंबुलेंस आने, अस्पताल तक पहुंचने और चिकित्सा सहायता प्राप्त होने में समय लग जाता है जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इन हालात में सीपीआर के जरिए व्यक्ति को बचाया जा सकता है। यदि हृदयाघात के पहले कुछ मिनटों में मरीज को सीपीआर दिया जाए, तो मरीज के जीवित रहने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
मंडल चिकित्सालय में डॉ. कमल कुमार ने पैरामेडिकल, आरपीएफ के जवानों, परिचालन विभाग तथा फ्रंटलाइन स्टाफ को सीपीआर देने की सही तकनीक के बारे में जानकारियां दी। उन्हें बेसिक जानकारी तथा पुतलों पर डेमो देकर प्रशिक्षित किया गया। नवम्बर माह से प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हुआ था और अबतक 150 रेलकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। हृदयाघात तथा अन्य किसी चिकित्सीय आकस्मिकता के दौरान सहायता प्रदान करने के लिए इन रेलकर्मियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट का भी प्रशिक्षण दिया गया।