महिलाएं शिक्षा, विज्ञान, खेल, राजनीति सहित शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आगे : डाॅ. ममता सचदेवा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि के विधि विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘मौलिक अधिकारों की सुरक्षा में महिलाओं का योगदान’ विषय पर कार्यशाला आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 02 मार्च : कुवि के विधि विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘मौलिक अधिकारों की सुरक्षा में महिलाओं का योगदान’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि डाॅ. ममता सचदेवा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूत बनाना है। आज की महिलाएं विज्ञान व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। शिक्षा, विज्ञान, खेल, राजनीति सहित शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाएं सबसे आगे रहकर देश के विकास एव नव-निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति अवश्य जागरूक रहना चाहिए ताकि वे समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके। महिलाएं अपने कौशल और आत्म विश्वास के आधार दुनिया की किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम हैै। इस अवसर पर डाॅ. ममता सचदेवा ने विधि संस्थान की सहायक प्रो. कृष्णा अग्रवाल तथा विधि विभाग की सहायक प्रोफेसर डाॅ. प्रीति भारद्वाज द्वारा लिखित पुस्तक ‘वुमेन एंड ला’ का भी विमोचन किया। पुस्तक में महिलाओं के परिप्रेक्ष्य और आधुनिक समाज में कानून की उपस्थिति को दर्शाते हुए महिलाओं के अधिकारों की चर्चा की गई है। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम में विधि विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अमित लूदरी ने मुख्यातिथि डाॅ. ममता सचदेवा व विशिष्ट अतिथि छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता को पुष्पगुच्छ एवं शाॅल भेंट कर स्वागत किया।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता ने कहा कि समाज की उन्नति में महिलाओं को विशेष योगदान है। परिवार का पालन-पोषण करने व बच्चों को शिक्षित बनाकर माता होने का दायित्व पूरा करती है। उन्होंने कहा कि नवीनता व तकनीकी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को मजबूत किया जा सकता है।
विधि विभाग की प्रो. प्रीति जैन ने अपने संबोधन में कहा कि आज की महिला समाज में किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न महिलाओं के बारे में विचार साझा किए जिन्होंने राजनीतिक, शिक्षा, विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान शिक्षा व समाज को एक नई राह दिखाई।
इस अवसर पर विधि विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अमित लूदरी ने कहा कि महिलाएं किसी भी समाज का स्तम्भ है तथा हर भूमिका को कुशलता व सहजता से निभा रही है। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है तथा उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम में विधि विभाग की ओर से मुख्य अतिथि डॉ. ममता सचदेवा, विशिष्ट अतिथि प्रो. शुचिस्मिता व प्रो. प्रीति जैन को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के समापन पर विधि विभाग के प्रो. महाबीर सिंह ने कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद किया। डॉ. प्रीति भारद्वाज, डॉ. आरुषि मित्तल व डॉ. पूजा ने कुशलतापूर्वक मंच का संचालन किया।
इस अवसर पर प्रो. राजपाल शर्मा, प्रो. दलीप कुमार, प्रो. सीआर जिलोवा, प्रो. अजीत चहल, प्रो. सुशीला, प्रो. परमेश कुमार, डॉ. दीप्ति चौधरी, डॉ. प्रोमिला, डॉ. प्रियंका, डॉ. सुधीर, डॉ. अंजू, डॉ. सुनील, डॉ. सुरेन्द्र कल्याण, डॉ. उर्मिला, डॉ. रंजिता, डॉ. मीनाक्षी, सुरेन्द्र जागलान, डॉ. बबीता, डॉ. संतलाल, डॉ. रमेश सिरोही, डॉ. जापान सिंह, डॉ. सुमित, प्रो. प्रदीप चौहान, प्रो. कुलदीप सिंह, प्रो. विवेक, प्रो. सुमन, प्रो. जितेन्द्र व सैकड़ों विद्यार्थीगण मौजूद थे।