आंखों की पुरानी एलर्जी (वी.के.सी.) के इलाज का दावा, आयुर्वेदिक इलाज से वी.के.सी. के मरीजों को मिलेगा छूटकारा: डॉ. मनोज तंवर

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक अस्पताल व कॉलेज में वी.के.सी. (आखों की पुरानी एलर्जी) का इलाज आयुर्वेदिक औषधियों से किया जाता है। वी.के.सी. आखों की गंभीर बीमारी है। यह बीमारी आमतौर पर दस साल की उम्र से पहले बच्चों में शुरू होती है। लंबे वक्त इस बीमारी के बने रहने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। ऐसे रोगियों को घबराने की जरूरत नहीं है। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले आयुर्वेदिक अस्पताल एवं कॉलेज में वी.के.सी. का इलाज आयुर्वेदिक औषधियों से किया जा रहा है।
आई एंड ईएनटी विभाग के एमएस डॉ. मनोज तंवर सप्ताह में तीन दिन सोमवार, वीरवार और शनिवार को वी.के.सी. के मरीजों को देखते है। डॉ. तंवर ने बताया कि वर्नल किरेटो कंजक्टिवाइटिस (वी.के.सी.) जिसे आखों की पुरानी एलर्जी भी कहा जाता है। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों में दस साल की उम्र से पहले दिखने लगती है। आंखों में तीव्र खुजली लाली, चिपचिपाहट और पलक की ऐंठन मुख्यतौर पर इस बीमारी के लक्षण है। वी.के.सी. के उचित इलाज न मिलने और आंख की पुतली के भी सम्मिलत होने के कारण बच्चों की आंख की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है। मगर आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से इस बीमारी से छूटकारा पाया जा सकता है।
डॉ. मनोज तंवर ने बताया कि छः महीने के इलाज के उपरांत रोगी 95 प्रतिशत ठीक हो जाता है। रोगी को शोधन और शमन दो प्रकार से छः महीने इलाज चलता है। शोधन चिकित्सा में रोगी के शरीर की शुद्धी की जाती है। जिसमें रोगी को आम का पाचन कराया जाता है। शमन चिकित्सा जो रोग केंद्रित है। इस चिकित्सा में रस औषधी, भस्म और काष्ठ औषधियां रोगी को दी जाती है। साथ ही विशेष प्रकार के अंजन लगाने के लिए दिये जाते है। उन्होंने बताया की रोगी अगर नियमित रूप से आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार जीवन का निर्वहन करता है, तो वी.के.सी. बीमारी के दोबारा उभरने के बहुत कम संभावना है।
आयुष मंत्रालय का लक्ष्य आयुर्वेद के प्रति आम नागरिकों में विश्वास को बढ़ाना – डॉ. बलदेव कुमार धीमा।
कुलपति डॉ. बलदेव कुमार धीमान ने कहा कि केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय का लक्ष्य आयुर्वेद के प्रति आम नागरिकों में विश्वास और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को स्थापित करना है। आयुर्वेद में हर प्रकार के रोगों का उपचार संभव है। जो रोग के लक्षण को पकड़ कर उसे जड़ से खत्म करता है। श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक अस्पताल में नियमित मरीजों की जांच की जा रही है और मरीजों को निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जाती है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों में आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़े।
कुरुक्षेत्र, गांव गामड़ी जट्टान निवासी कृष जो वी.के.सी (आंखों की पुरानी एलर्जी) से पीड़ित था। श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक अस्पताल में आई एंड ईएनटी विभाग द्वारा चले इलाज से पहले से ठीक है। कृष की मां सुनिता ने बताया कि कृष को आंखों में एलर्जी पांच से छह साल की उम्र में होनी शुरू हुई थी। कई डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन बीमारी खत्म नहीं हुई। बल्कि रोग ओर बढ़ता गया। कृष की आंखों में लालिमा, सूजन और रात को सोते हुए आंखे चिपक जाती थी। उसकी स्थिति देखी भी नहीं जा सकती थी। सभी जगह से हार-थक कर कुरुक्षेत्र स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल से इलाज कराया। दो महीने पहले ही इलाज शुरू हुआ है, कृष पहले से काफी ठीक हो चुका है।

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