महाकुंभ में ग्रहणियों का प्रबंध सर्वोत्तम रहा : डॉ. रश्मि शुक्ला




वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
प्रयागराज 5 मार्च : प्रयागराज सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान ने महाकुंभ पर्व पर ग्रहणियों द्वारा किए गए श्रम से धन से और समय की आहुति करने वाली ग्रहणियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सामाजिक सेवा एवं संस्थान की अध्यक्ष डॉ. रश्मि ने कहा को कहि सकइ प्रयाग प्रभाऊ।गंगा यमुना एवं सरस्वती के संगम पर विराजित प्रयाग सभ्यता के उषाकाल से ही भारतीय संस्कृति का अमर वाहक और आधार स्तंभ रहा है। यह हमारे राष्ट्र और संस्कृति की पहचान, प्रतीक व पुरातन परंपरा का निर्वाहक रहा है। बेंगलुरु से आई श्रीमती स्निग्धा जो की सूर्य आसन के द्वारा अपको गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स नाम दर्ज किया गया है और अनेक सम्मान से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज को शास्त्रों में तीर्थराज की उपाधि से अलंकृत किया गया है। यह हमारी संस्कृति अस्मिता वह मूल्य का संरक्षक संवर्धन व पोषक रहा है। इसीलिए यहाँ की प्रत्येक ग्रहणियां बहुत ही पूजनीय हैं। यहाँ धर्म एवं संस्कृति का अनूठा इतिहास छिपा है सनातन गर्व,पर्व राज महाकुंभ में ग्रहणियों ने विशेष योगदान दिया। अतिथियों का स्वागत करने में वह पीछे नहीं हटी इनका यह सहयोग हमेशा याद किया जाएगा। बड़े ही भक्ति भाव से सभी अतिथियों का ग्रहणियों ने स्वागत किया कहा भी गया है जो भक्तिमान व्यक्ति प्रयागराज में स्नान करता है वह सभी पूर्ण को प्राप्त करता है और नर श्रेष्ठ उत्तम पुरुष वह प्रयागराज का फल प्राप्त करता है। यह महाकुंभ जनसमुद्र सनातन के ध्वजवाहक अखाड़े की संस्कृतियों का संगम,एकता का महाकुंभं दिव्यता- भव्यता से युक्त कुंभ था।सबको निहाल करने वाला कुंभ था। यह सुरक्षित कुंभ,स्वस्थ्य महाकुंभ, स्वच्छ महाकुंभ,सुगम्य महाकुंम्भ,सर्व सुविधा से युक्त महाकुंभ,डिजिटल महाकुंभ,तकनीकी का महाकुंभ और पहली बार अस्थाई नगर के लिए गूगल नेविगेशन का महाकुंभ रहा। महाकुंभ 2025,45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ के शुभ पवित्र अवसर पर प्रयागराज की ग्रहणियों ने सभी स्नार्थियों को भोजन कराया स्वागत किया स्नान कराया हर प्रकार का सहयोग दिया।इस सहयोग की चर्चा कहीं भी नहीं हुई परंतु सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान ने ग्रहणियों द्वारा किए गए सेवा भाव श्रम को समझा और सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ. रश्मि शुक्ला ने कहा कि कोई घर प्रयागराज में ऐसा नहीं था जहाँ पर अतिथि का आना-जाना ना रहा हो।किसी-किसी घर में तो एक दिन में 50से 60 स्नान करने भक्त आए सभी को भोजन और ग्रहणियों ने स्नान करवाया 45 दिन बहुत व्यस्त रहीं उन्होंने अपनी सब सुख सुविधाओं को त्याग दिया। आज हम सब जब मिले तो सभी के चेहरे पर उत्साह है सब ने कहा हमारे तो भाग्य खुल गए प्रयागराज में महाकुंभ हुआ।यह सनातन गर्व का महाकुंभ पर्व है सबने अपने-अपने अनुभव बताएं। प्रमुख स्नान पर्व पर बहुत घर में अतिथि रहें। हमारे घर में बहुत ही चहल पहल रही वह लोग भी आए जिनको देखे बरसों हो गए थे। एकता ने कहा जब अतिथि घर से जाते तो बहुत ही भावुक हो आशीर्वाद देते।सोनम ने कहा जैसे ग्रह में सूर्य तथा नक्षत्र में चंद्रमा है वैसे ही तीर्थ में प्रयाग सर्वोत्तम है और यह मेरा सौभाग्य है हम प्रयागवासी हैं। इस शुभ अवसर पर हम लोगों ने सनातन परंपरा का निर्वाह किया संगम पर सबको डुबकी लगवाई एक अद्भुत अनुभव हुआ। अर्चना ने कहा जब अतिथि घर पर आते थे तो उन्हीं के बहाने हमने भी अनेक को बार संगम में डुबकी लगा लेते। संतो को देखा अनेक अखाड़े के संत पुरुषों का दर्शन किया।नीलू ने कहा कि जब हम अतिथि को स्नान करने ले जाते थे गंगा मैया की जय जयकार करते चले जाते थे रास्ता का पता ही नहीं चलता था। नीरजा ने कहा मैं अस्वस्थ थी फिर भी मुझे बहुत स्नान करने में अच्छा लगा हमने कल्पवासियों का ध्यान रखा। रेत को अपने आंचल में रखकर गठिया लिया नागा साधुओं के दर्शन किए। मेघा ने कहा दुनिया भर के संस्कृति प्रेमी एक तट पर इस दुर्लभ घड़ी का साक्षी बनने के लिए मैं अपने घर में आए अतिथियों की बहुत ही आभारी हूँ। विनीता ने कहा संगम किनारे मैंने दान पुण्य किया रेती पर बैठकर पूजाअर्चना किया दान दक्षिणा देकर अपने और ईस्ट जनों के साथ मनोरथ पूरे होने की कामना की। जूही ने कहा हमने अपने परिवार और संबंधियों के साथ एक साथ संगम में अमृत स्नान किया वहाँ हमने कई देशों के श्रद्धालु और भारतीय जनमानस के साथ घुल मिलकर रहना देखा। महाकुंभ नगर में एकता का महाकुंभ नजर आया। यहां भारत की सनातन संस्कृति से अद्भुत विदेशी नागरिकों ने परिवार के साथ पहुँच कर गंगा स्नान किया।श्रुति ने कहा कोई भी दिन शायद ऐसा बीता हो जब मैं मेले में ना गई हूं वहाँ पर लोग बम बम भोले गंगा मैया की जय के जयकारा लगाते हुए उत्साह में झूमते नजर आते थे। कई देशों के नागरिक भारतीय संस्कृति को अनुभव कर रहे थे विदेशी श्रद्धालु भारत की स्नातक संस्कृति से गहरे प्रभावित हुए और परिवार के साथ गंगा में स्नान किया विनीता ने कहा मेरे एक अतिथि ने कहा मुझे यहां की ऊर्जा बहुत शांत और सुकून देने वाली लगती है और हर कोई बहुत दोस्ताना सा लगता है यहाँ आकर बहुत अच्छा लग रहा है यह एक बड़े मंदिर जैसा लगता है मैं यहां की व्यवस्था और स्वच्छता देखकर चकित हो गयी। हाथ पकड़ कर आंचल पड़कर चलना मैं सीख लिया। सभी ने भजन खुशी-खुशी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की कामना करते हुए एक दूसरे को गले मिलकर शुभकामना दी। धन्यवाद ज्ञापन जया ने दिया।