धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में जननी की दास्तां से रुबरु करवा गया नाटक मां।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877
फेथ इन थियेटर के कलाकारों ने दिखाया मां का दर्द।
कुरुक्षेत्र :- हरियाणा कला परिषद द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय नाट्य महोत्सव के छटे दिन फेथ इन थियेटर ग्रुप के कलाकारों द्वारा नाटक मां का मंचन किया। पाली भूपिंद्र के निर्देशन में तैयार नाटक मां का निर्देशन ऋषिपाल द्वारा किया गया। इस मौके पर संस्कार भारती हरियाणा प्रांत के संगठन मंत्री नरेंद्र शर्मा उपस्थित रहे। मंच का संचालन कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने किया। नाटक की शुरुआत मुख्यअतिथि ने दीप प्रज्जवलित कर की। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व रंगमंच दिवस दुनिया के कोने कोने में बसे रंगकर्मियों का विशेष पर्व है। जिसे रंगकर्मी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस मौके पर नाट्य महोत्सव का आयोजन कर कला परिषद द्वारा न केवल रंगमंच दिवस मनाया जा रहा है, अपितु लम्बे समय से कोरोना की मार झेल रहे कलाकारों को मंच भी मुहैया करवाने का प्रयास किया गया है। नाटक मां में दिखाया कि वर्तमान में बच्चों के मन में अपने माता पिता के लिए आदर सम्मान कम होता जा रहा है। जिससे बच्चे अपने माता-पिता से दूरी बनाने लगे हैं। मां बाप से दूर होकर बच्चे अपने सपने साकार करने की होड़ में लग जाते हैं और मां बाप को भूल जाते हैं। आज की स्थिति ऐसी हो गई है, जिसमें लोग काम को तो रिश्ता समझने लगे हैं और रिश्तों को बोझ। समाज के लिए कोढ़ बनकर उभर रही वृद्धाश्रम की बिमारी में जब नाटक का किरदार साहिब सिंह अपनी मां को छोड़ने जाता है तो उन्हें आश्रम के बाहर एक रात रुकना पड़ता है। उसी रात की कहानी नाटक में बयां की गई है। मां की संवेदनाओं और भावनाओं का ताना बाना दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है। नाटक में मुख्य भूमिकाओं में योगिता, ईशांत, प्रदीप कुमार, जसबीर मथाना, मृदुला, मंजुला, सुनील, ग्लैडविन जोन, गौरव आदि ने अपनी अदाकारी दिखाई। अंत में सभी को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
गांधी शिल्प बाजार में बढ़ रही रौनक, पर्यटक ले रहे आनंद।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज और हस्तशिल्प विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा कला परिषद द्वारा ब्रह्मसरोवर स्थित कला कीर्ति भवन में आयोजित गांधी शिल्प मेला की भव्यता आए दिन बढती नजर आ रही है। सप्ताह के अंत में आंगतुक मेले का लुत्फ उठाने पहुंच रहे है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए शिल्पकारों की प्रदर्शनियां जहां लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं, वहीं बिहार, राजस्थान तथा हरियाणा के व्यंजन भी मेले का जायका बदल रहे हैं। राजस्थानी दाल भाटी चूरमा और बिहार का लिट्ठी चोखा पर्यटकों की पंसद बना हुआ है। वहीं गोहाना का जलेब आंगतुकों को मिठास परोस रहा है।