वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 08 अगस्त : 7वें अंतरराष्ट्रीय हरियाणा फिल्म महोत्सव में कुरुक्षेत्र में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार महाभारत की द्रोपदी रूपा गांगुली व चंद्रकांता के क्रूर सिंह अखिलेन्द्र मिश्र ब्रह्मसरोवर की संध्या आरती के अवसर पर भक्तिमय वातावरण को देखकर अभिभूत हुए। महाभारत की द्रोपदी उस समय भावुक हो उठी जब कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने उनको कर्म का संदेश का चित्र भेंट किया। उन्होंने कहा कि इस चित्र को वह कई वर्षों से सोशल मीडिया पर खोज रही थी लेकिन इसकी प्राप्ति ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर हुई है। इस अवसर पर रूपा गांगुली ने द्रोपदी की उस कूप का भी अवलोकन किया जो द्रोपदी कूप के नाम से विख्यात है। उन्होंने इस कूप की पौराणिक मान्यता एवं इतिहास के विषय विस्तार से जानकारी हासिल की। महाभारत की द्रोपदी रूपा गांगुली को जब यह पता चला कि यहां पर महाभारत के युद्ध के पश्चात द्रोपदी ने इसी कूप से पानी लेकर अपने केश धोए थे तो उन्होंने भी महाभारत की द्रोपदी की भांति शपथ ग्रहण की कि वह पश्चिमी बंगाल में सुशासन के पश्चात दोबारा कुरुक्षेत्र आएंगी। द्रोपदी कूप एवं आरती में भाग लेकर अपने आपको द्रोपदी की भांति पवित्र करेंगी।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा एवं केडीबी बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने उनको ब्रह्मसरोवर एवं कुरुक्षेत्र की महत्ता के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जाने माने फिल्मी दुनिया के प्रख्यात अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र भी ब्रह्मसरोवर पर आरती के समय भक्तिमय वातावरण देखकर भाव विभोर हो उठे। उन्होंने आरती में भाग लिया इसके पश्चात ज्योतिसर तीर्थ में आयोजित लाईट एंड साउंड शो भी देखा। तत्पश्चात दोनो ही अभिनेताओं की गीता की जन्मस्थली के विषय में जिज्ञासावश विस्तार से जानकारी हासिल की। गीता स्थली की धरा को नमन करते हुए दोनों ही अभिनेता भावुक हो उठे। इस अवसर पर उनके साथ केडीबी सदस्य अशोक रोशा, ऋषिपाल मथाना, प्रो. महासिंह पूनिया सहित अनेक लोग मौजूद थे।