ब्यूरो अयोध्या
शायद चंद रुपयों के लालच और उच्च अधिकारियों की उदासीनता के कारण पुलिस विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी अपना ईमान ताक पर रख अपराधियों का हौसला बढ़ाने में लगे हुए है। पिछले एक महीने से इनायातनगर थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के ऐसे कई मामले आए है जिनमे हत्या होने तक की घटनाएं हो चुकी है फिर शायद यहां की पुलिस को किसी बड़े घटना का इंतजार था कल खानपुर की घटना ने इसको भी पूरा कर दिया सूत्रों की माने तो इनायात्नगर नगर थाना क्षेत्र में कुछ पुलिस कर्मी ऐसे भी है जो गांधी जी के इतने बड़े भक्त है कि उनके दर्शन मात्र से फर्जी मुक़दमा बनाने से लेकर खेत में खड़ी फसल रोकने तक का ठेका ले लेतें है ऐसी ही एक खबर बारुन चौकी इंचार्ज अमित कुमार के बारे में भी मिली है 👍इस रिश्वत खोर दरोगा अमित कुमार ने भी हल्ले द्वारिकापुर में एक हत्या की पटकथा लिखी थी परंतु पत्रकार के डी दूबे के सूझबूझ से मामला टल गया एस डी एम बीकापुर ने गन्ना काटने का आदेश दिया है परंतु गन्ना खेत में खड़ा है लगभग डेढ़ लाख रुपये का गन्ना कयोकि रिश्वत दरोगा ने विपक्षी से मोटी रकम रिश्वत लेकर बचन दिया है कि जब तक मैं चौकी प्रभारी बारून रहूँगा गन्ना नहीं काटने दूंगा ।
यहाँ भी मामला संपत्ति का है ।
गन्ने की फसल जिसने बोया है उसी को दरोगा ने 151/107/116में पाबंद कर दिया है पूरे प्रकरण की जानकारी शासन व जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी को है खुद एस एस पी शेलेस कुमार पांडेय व ए डी जी एस एन सावंत को भी सूचना है । घटना इस लिए टल गई है कयोकि रिश्वत दरोगा के षड्यंत्र की समय से जानकारी मिल गयी तथा पत्रकार के डी दूबे ने अपने बेटे व बहू को वापस बुला लिया जो पाँच साल से ननिहाल में रहकर अपने नाना की सेवा करने रहे थे ।
दिनांक 3अप्रैल को दरोगा की योजना अनुसार आधार दर्जन लोगों ने धावा बोला जिसमें धनी दूबे को गंभीर चोट लगी परंतु इसी दरोगा ने अपराध अल्पीकरण करते हुए मामले को सी आर पी सी की धारा 151/107/116 में समेट दिया हलाकि शनी ने अपना मेडिकल कराया व हमलावरों के विरुद्ध 156 (3) में न्यायालय से गुहार किया है यदि न्यायालय ने पुलिस के द्वारा की गई फर्जी कार्रवाई को गंभीरता से लिया तो कोई भी अपराधी बचेगा नहीं तथा शनी दूबे को न्याय भी मिल जाए गा।
परंतु रिश्वत लेकर गैर कानूनी तरीके से पुलिस के जिम्मेदार लोग यदि इस तरह का षड्यंत्र करते रहे तो आम नागरिकों के सामने समस्या खड़ी हो जाए गी कि वह अपने संपत्ति व सम्मान की रछा कैसे करें?