सरकार की गाईडलाइन के चलते नहीं निकला जाएगा जुलूस :मौलाना
कन्नौज संवाददाता सिद्धार्थ गुप्ता
कन्नौज l मुहर्रम शुरू होते ही हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करने का सिलसिला चल रहा है। घरों व इमामबारो में देर रात तक मजलिसें होटी है, हजरत इमाम हुसैन और उनक साथियों की शहादत पर रोशनी डाली जाती है l जनपद में कोरोना की वजह से ताजियों का आकार इस बार घट गया है। कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मनाया जायेगा मोहर्रम। सार्वजनिक स्थानों पर ताजिया न रखने की गाइडलाइन की वजह से इस वर्ष ताजिया बनाने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कोरोना काल में शुरू हो रहे मुहर्रम में इस वर्ष इमाम चौक पर आलीशान और ताजिया नहीं दिखाई दे रहे हैं। मुहर्रम शुरू होते ही हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करने का सिलसिला चलता है। घरों व इमामबारो में देर रात तक मजलिसें होती है, मातम किया जाता है। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजियादारी की जाती है। ताजिया के रूप में उनके रौजे (मजार) की शबीह (प्रतिकृति) बनाई जाती है। घरों में भी ताजिया रखे जाते हैं। यौम-ए-आशूरा (मुहर्रम की दस तारीख ) को इनको कर्बला में दफन किया जाता है। कोरोना गाइडलाइन की वजह से मुहर्रम में न तो जुलूस निकालने की इजाजत दी गई है, न ही सार्वजनिक स्थलों पर ताजिया रखने के इजाजत है। ऐसे में लोग बड़े ताजिया नहीं ले रहे हैं। घरों में रखने के लिए छोटे ताजिया की मांग काफी बढ़ गई है। बड़े ताजिया की मांग न होने से ताजिया बनाने वालों को काफी नुकसान हुआ है। मुहर्रम शुरु होते ही हर वर्ष ताजियों की खरीद फरोख्त होती थी। पिछले दो वर्षों से इसमें काफी कमी आ गई है। वही जब मोहर्रम की चर्चा जब मौलाना अहमद सईद से की तो उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क को जो गाईडलाइन हैं जो कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने जारी किए है l उसी मानक पर हम लोग मोहर्रम को मनाएंगे।और अभी तक आज मोहर्रम की 9 तारीख हो चुकी हैं।और हमारा ये त्यौहार 1 तारीख से शुरू हो जाता हैं।वही पिछले वर्ष भी सरकार के नियमानुसार मनाया था।और इस बार भी हम नियमानुसार ही मना रहे हैं।अहबाब, ताजिया और झाड़ियां निकालते हैं,और सुकून इत्मिनान के साथ जुलूस निकालते हैं,बस वो हमारा जुलूस नहीं निकल रहा हैं,लेकिन और भी जो मदरसे इमाम हुसैन के नाम से गरीबो की मदद उनको खिलाना पिलाना और जो हमसे जितना भी गरीबो को फायदा मिल सके वो सब हम कर रहे हैं।कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते आज हम त्योहार अपनी मर्जी से नहीं माना पाए है, लेकिन अल्ल्हा से दुआ करेंगे कि मुल्क से कोरोना को खत्म करें और पहले जैसे अपने त्यौहार को मनाए।