नई शिक्षा नीति पर विद्वत गोष्ठि का आयोजन

तिर्वा कन्नौज

नई शिक्षा नीति पर विद्वत गोष्ठि का आयोजन
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी
जनपद कन्नौज के तिर्वा नगर में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज तिर्वा में आज नई शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में तिर्वा नगर के समस्त विद्वान जनों का आयोजन किया गया। सुप्रसिद्ध शास्त्री डॉ अनुपम द्विवेदी जी ने नई शिक्षा नीति पर बताया कि एक ऐसी शिक्षा नीति की स्थापना हो जिसमें चरित्र निर्माण पर अवश्य जोर दिया। श्रीमती सुमन लता जी ने बताया कि नई शिक्षा नीति ऐसी नीति का निर्माण किया जाना चाहिए जिसमें छात्रों का सर्वांगीण विकास हो। उन्होंने बताया कि शिक्षा कुछ ऐसी हो जिसमें छात्रों की रुचि के अनुरूप पाठ्यक्रम पढ़ने की सुविधा दी जाय, पाठ्यक्रम थोपा नहीं जाना चाहिए। श्री ओम प्रकाश शुक्ल ‘अज्ञात’ ने बताया कि 36 वर्ष बाद अर्थात 1986 ई के बाद वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था की जाने वाली है, बच्चों पर किताबों का बोझ न पड़े, उच्च शिक्षा में बीच मे पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की पढ़ाई बेकार चली जाती थी जो अब ऐसा नहीं होगा। यदि को छात्र बीच मे पढ़ाई छोड़ता है तो उसको प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। आंगनबाड़ी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जिसमें सरकार खर्च तो बहुत करती है लेकिन छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। कोई आंदोलन तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक जन आंदोलन ने हो। स्वयं शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चे प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने जाते हैं तो कुछ तो कमी है ही सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में। श्री नंदराम अवस्थी जी ने बताया कि शिक्षा में अध्यापक के आचरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कन्हैया लाल विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्री राम कृष्ण बाजपेयी जी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का लाभ यह मिलेगा कि उन्हें सीखने और समझने में अधिक सुविधा रहेगी। कल्याण सिंह डिग्री कालेज के अंग्रेजी के प्रवक्ता श्री रामआसरे राजपूत ने बताया कि संस्कारित शिक्षा व्यवस्था पर बल दिया जाना चाहिए। श्री धर्मवीर जी ने बताया कि की अब तक चली आ रही शिक्षा व्यवस्था केवल कर्मचारी निर्माण करने वाली रही है न कि शिक्षाविद बनाने वाली रही है किंतु यह नई शिक्षा नीति बाल केन्द्रित शिक्षा होगी जिसमें छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा। तब ही हमारा देश उच्च स्थान प्राप्त कर सकेगा। विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक श्री आत्मानन्द जी ने बताया कि कार्य प्रणाली कागजों में नहीं बल्कि भौतिक रूप में संचालित होनी चाहिए जान जागरूकता भी अति आवश्यक है। सरकार निरन्तर परिचर्चा भी करती जा रही है और साथ ही क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है।केकार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अनिल कुमार मिश्र जी ने आये हुए सभी विद्वान जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परिचर्चा आम जनमानस में अवश्य ही जागरूकता लाएगी। इस कार्यक्रम में कन्नौज संभाग निरीक्षक श्री भगवान सिंह सेंगर, झाँसी संभाग निरीक्षक श्री राधेश्याम जी श्री विजय पाल जी, श्री हरि राज यादव, श्री अशोक कुमार यादव, श्री अतिबल सिंह, श्री विनोद कुमार, श्री राजेश गुप्ता, सह प्रबन्धक श्री विजय कृष्ण गुप्त, श्री राम प्रकाश गुप्ता, श्री उपेंद्र दीक्षित, श्री वीरश चंद्र गुप्ता समेत अन्य विद्वतजन उपस्थित रहे।

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