बिहार: सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध की आग का असर

सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध की आग का असर

फारबिसगंज :- सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध की आग का असर फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र में बेअसर साबित हुआ। जहां लंबी दूरी की ट्रेनें व बसों का परिचालन सुचारू रूप से होता रहा। खास तौर पर सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाऐं भी खुली रही। वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से आहूत बंदी को लेकर एहतियात के तौर पर चप्पे चप्पे पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों सहित जवानों को तैनात किया गया था। जहां बड़ी संख्या में पुलिस-प्रशासन के पदाधिकारी भ्रमणशील रह कर मोनेटरिंग करते रहें वहीं मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अपने अपने निर्धारित स्थल पर जमे रहे।

इधर अग्निपथ योजना के खिलाफ आहूत बिहार बंद के समर्थन में प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने नैतिक समर्थन देते हुए शहर के सुभाष चौक पर केंद्र सरकार की योजना के विरोध में टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ समय के लिए आवागमन बाधित रहा। जहां मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों ने समझा बुझाकर शांत कराया। जिसके बाद स्थिति सामान्य हो सका। राजद द्वारा बंद के मद्देनजर कुल मिलाकर शांतिपूर्ण विरोध- प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया तथा देश के युवाओ और छात्रों के हित में अग्निपथ योजना को वापस लेने की पुरजोर मांग की। कार्यक्रम का नेतृत्व राजद जिला अध्यक्ष सुरेश पासवान ने किया। जबकि इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष अमित पूर्वे, राज्य परिषद सदस्य डॉ. क्रांति कुंवर सहित बड़ी संख्या में राजद के कार्यकर्ता मौजुद थे। इस मौके पर राजद नेताओं ने अग्निपथ योजना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार देश के युवाओं को दिग्भ्रमित करते हुए उनके सपनों को साकार नहीं होने देना चाहती है। आज सेना में गरीब,किसान, मजदूर का बेटा ही कड़ी मेहनत करके भर्ती होते हैं और उन्हें चार साल के बाद पुनः घर का रास्ता दिखा देना यह सरासर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस योजना से युवा वर्ग आक्रोश में हैं। केन्द्र सरकार को इस कानून को बैरंग वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने छात्रों के आह्वान पर आहूत बंद पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए जाने की बात कही। राजद जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार की नीति को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार के पास रोजगार नहीं है तो जुमलेबाजी बंद करे।

इधर बिहार बंद के आह्वान के साथ ही पुलिस-प्रशासन शनिवार को पूरे अलर्ट मोड में नजर आए। एहतियात के तौर पर विधि व्यवस्था के संधारण की दिशा में फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र के तकरीबन 74 स्थानों सहित सिर्फ फारबिसगंज शहरी इलाके में 17 स्थानों पर मजिस्ट्रेट के साथ साथ बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी एवं जवानों को तैनात किया गया था। इस दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों , चौक चौराहे, स्कूलो के अलावा चप्पे चप्पे पर पुलिस की पहरेदारी रही। जहां किसी भी स्थानों से किसी भी तरह की अप्रिय खबर की सूचना नहीं है।

छात्र संगठन के आह्वान पर आहूत बंद का फारबिसगंज में कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया। जहां निर्वाध रुप से ट्रेनें व बसों सहित अन्य वाहनों का परिचालन हुआ। साथ ही नई दिल्ली से जोगबनी आने वाली सीमांचल एक्सप्रेस, कोलकाता से आने वाली चितपुर एक्सप्रेस सहित कटिहार -जोगबनी ट्रेनों का परिचालन होता रहा।
इधर विधि व्यवस्था के मद्देनजर किसी भी स्थिति से निबटने के लिए भारी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया था। जबकि वरीय प्रभारी के रुप में निखिल रंजन सहित एसडीओ सुरेन्द्र कुमार अलबेला,डीएसपी राम पुकार सिंह, बीडीओ राजकिशोर प्रसाद शर्मा, सीओ संजीव कुमार, बीसीओ मनोज कुमार,जेई बिनोद सिंह, एसएचओ निर्मल कुमार यादवेंदु, दारोगा शंभू कुमार,कारे पासवान, दीपक कुमार, प्रवेज आलम, गोविन्द सिंह, मसरूर आलम, पीओ संजीव कुमार, ईओ दीपक कुमार झा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहे।

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