बिहार:विशेष अभियान के तहत घर-घर जाकर टीबी मरीजों को चिह्नित करने का हो रहा प्रयास

विशेष अभियान के तहत घर-घर जाकर टीबी मरीजों को चिह्नित करने का हो रहा प्रयास

-जनवरी से अब तक टीबी के 691 नये मामले, -तीन माह में मिले एमडीआर टीबी के 08 मरीज
-वर्ष 2025 तक जिले में टीबी के मामलों को पूरी तरह खत्म करने के लिये हो रहा जरूरी प्रयस

अररिया संवाददाता

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चरणबद्ध तरीके से विशेष अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में 21 अक्टूबर से 09 नवंबर के बीच संचालित अभियान के आखिरी चरण में टीबी मरीजों की खोज के लिये सघन अभियान का संचालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौर में टीबी उन्मूलन की दिशा में किया जाने वाला प्रयास प्रभावित हुआ है। जानकारी मुताबिक इस साल जनवरी माह से अब तक जिले में टीबी के 691 नये मामले सामने आये हैं। बीते तीन माह के दौरान जिले में एमडीआर टीबी के 08 नये मामले सामने आये हैं। लिहाजा दुरुस्त व मुश्किल पहुंच वाले इलाकों में संचालित टीबी के संभावित रोगियों की खोज के लिये संचालित इस अभियान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दो सदस्यीय टीम हाउस टू हाउस टीबी रोगियों की करेगी खोज :

टीबी के एक्टिव केस फाइडिंग यानी एसीएफ अभियान की सफलता को लेकर आशा व अन्य उत्प्रेरकों को शामिल करते हुए दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि प्रत्येक टीम को हर दिन अपने निर्धारित क्षेत्र के कम से कम 50 घरों का भ्रमण करते संभावित टीबी मरीजों की पहचान करेंगे। साथ ही निकटतम बलगम जांच केंद्र अन्यथा ट्रूनेट लैब में बलगम की जांच सुनिश्चित करायेंगे। इसके लिये दो सदस्यीय टीम के प्रत्येक सदस्य को प्रति दिन के हिसाब से 100 रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा।

संक्रमितों परिवार के पांच साल कम उम्र के बच्चों की होगी स्क्रीनिंग :

जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि अभियान के आखिरी चरण सभी एसटीएस, एसटीएलएस व टीबीएचभी को अपने कार्य क्षेत्र के अधीन सभी एचआईवी संक्रमित व्यस्क समुचित रूप से दवा सेवन की प्रक्रिया सुनिश्चित करायेंगे। इतना ही नहीं इस साल सितंबर माह तक प्राप्त नये टीबी मरीजों के घर जाकर 05 साल तक के बच्चे व व्यस्कों का स्क्रीनिंग करेंगे। ताकि टीबी के संभावित मामलों का पता लगाया जा सके। साथ ही टीबी के संभावित मरीजों व एचआईवी संक्रमित मरीजों की सूची तैयार करेंगे। ताकि उनका समुचित इलाज यथाशीघ्र चालू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश से टीबी रोग को पूरी तरह खत्म करने को लेकर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। विभागीय स्तर से भी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं।

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