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जिले में सफल साबित हो रहा है नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने का प्रयास
- नियमित टीकाकरण मामले में अप्रैल माह की उपलब्धि से विभाग उत्साहित
- परिवार व समुदाय की सुरक्षित रखने में कवच का काम करता है टीकाकरण
अररिया, 27 मई ।
सुरक्षित मातृत्व व नवजात के जीवन व भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से टीकाकरण महत्वपूर्ण है। किसी महिला के गर्भकाल शुरू होने के साथ ही टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो जच्चा व बच्चा दोनों की सुरक्षा का आधार है। प्रसव काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को टेटनस के दो टीके लगाना अनिवार्य है। वहीं संस्थागत प्रसव तुरंत बाद नवजात को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी व जीरो डोज का टीका लगाया जाता है। इसके बाद बच्चे के दो साल की आयु पूरी होने तक निर्धारित समय पर अलग-अलग टीकों की निर्धारित डोज दी जाती है। टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क है। किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसका लाभ उठाया जा सकता है। कोरोना काल में जिले में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई। इस कमी को दूर करने को लेकर किया जा रहा विभागीय प्रयास धीरे-धीरे अपना रंग दिखाने लगा है। बीते अप्रैल माह को लेकर जारी हेल्थ इंफॉरमेशन मैनजमेंट सिस्टम एचआईएमएस का डाटा से मिले संकेत से इसे बखूबी समझा जा सकता है।
नियमित टीकाकरण मामले में हालिया प्रदर्शन उत्सावर्द्धक :
डीआईओ डॉ मोईज बताते हैं कि एचआईएमएस का हालिया डेटा स्वास्थ्य परिवार के लिये उत्साह जनक है। जो जिले में नियमित टीकाकरण के मामले में हो रहे सुधार की ओर इशारा करता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में नियमित टीकाकरण मामले में निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में हम काफी हद तक सफल रहे। नवजात टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य 9851 की तुलना में 6223 नवजात को जन्म के तत्काल बाद बीसीजी व 3544 बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया गया। जन्म के 42 दिन के अंदर पड़ने वाले पेंटा 1 का टीका के मामले में हमारी उपलब्धि 95 फीसदी रही। वहीं जन्म के लगभग तीन महीने बाद दिये जाने वाले पेंटा 3 टीका के मामले में हमारी उपलब्धि 84 फीसदी से अधिक रही है। नवजात के जन्म के नौ महीने बाद दिये जाने वाले एमआर-01 के मामले में हमारी उपलब्धि 74.6 व लगभग डेढ़ साल बाद दिये जाने वाले टीके एमआर 02 के मामले में हमारी उपलब्धि 101.8 रही है। इसी तरह गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण मामले में उपलब्धि 93.7 फीसदी रहा। नतीजतन इस अवधि में 72.1 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण व संपूर्ण टीकाकरण के मामले में हमारी उपलब्धि 101 फीसदी रही है।