मंदिर के अन्दर तथा मंदिर परिसर के बाहर फैला अतिक्रमण प्रशासन मौन
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज,देवालयों का हो रहा है व्यवसायीकरण। कभी शादी समारोह के नाम पर मंदिर कमेटी कर रही है कमाई। तो कहीं कमेटी के ही सरपरस्ती में मंदिर परिसर में खड़े किए जाते हैं वाहन। मंदिरों के आस पास न हो अतिक्रमण इसके लिए सरकार भले ही सख्त नजर आ रही हो लेकिन मंदिरों के मालिकानों पर सरकार की इस सख्ती का कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा। वहीं मंदिर के आस- पास मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने आने वाले कुछ लोगों ने बताया कि थाना प्रभारी अपने दल बल के साथ इसी मन्दिर के सामने से होकर गुजरते हैं। लेकिन वह भी केवल मन्दिर के सामने अतिक्रमण करने वालों को हांक कर चले जाते हैं। उनके जाते ही अतिक्रमण वदस्तूर पुन्हा होने लगता है। अतिक्रमणकारी अतिक्रमण क्यों न करें जब मंदिर कमेटी द्वारा लोडर वाहन को मंदिर परिसर में खड़ा करने की अनुमति कमेटी द्वारा ही दे दी गई है। आपको बताते चले कि नाथ नगरी के नाम से विख्यात बरेली में नाथ कारिडोर बनाया जा रहा है जिससे सरकार की मंशा स्पष्ट होती है कि अयोध्या की तर्ज पर नाथ नगरी को भी विकसित किया जाएगा। लेकिन पुलिस प्रशासन और मंदिर कमेटी की अनदेखी के कारण इस प्राचीन शिव मंदिर का क्या हाल है यह किसी भी क्षेत्रवासी से छुपा नहीं है। हम बात कर रहे हैं,बरेली के कस्बा सीबीगंज के प्रसिद्ध शिव मंदिर की।जो रामपुर रोड हाईवे पर स्थित है मंदिर में लगभग एक दर्जन से अधिक दुकानें हैं। तथा एक बैंक का भी संचालन होता है इस मंदिर का लाखों रुपए का वार्षिक व्यवसाय है ,इसके अलावा मंदिर कमेटी द्वारा आधे मंदिर परिसर को शादी समारोह के रूप में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा लगता है कि मंदिर परिसर में ही टैक्सी स्टैंड स्थापित कर दिया गया है। यहाँ अक्सर एक लोडर खड़ा दिखाई देता है जो मंदिर कमेट सदस्य के एक कर्मचारी का है। जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि मंदिर के अंदर या परिसर के साथ गेट के बाहर भी अतिक्रमण करना कानून के विरुद्ध है। लेकिन यहां व्यवसायीकरण के आगे शासन के सारे नियम बोने साबित हो रहे हैं। वहीं अतिक्रमण कारियों से नगर-निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग की भी वित्तीय सांठ-गांठ कर मोटा मुनाफा लिया जा रहा है। जब किला से परसाखेड़ा तक हाईवे के दोनों साइड रोड़ किनारे अतिक्रमण कारी लाखों रूपए का कारोबार कर रहे। और सड़क से गुजरने वाली जनता को जाम तथा गाड़ी में अगर कभी ब्रेक फेल हो गए तो ड्राइवर के गाड़ी रोकने पर कई लोगों की जाने जा सकतीं हैं । लेकिन इसके बावजूद भी अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए दोनों विभाग एक दूसरे के पाले गेंद फेंकते रहते हैं जिसका लाभ अतिक्रमणकारियों मिल रहा है और अतिक्रमण हाईवे रोड़ पर दोनों तरफ फैला पड़ा है। तथा सीएम के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं ये दोनों विभाग जिसका संज्ञान लेकर जिला प्रशासन को हाईवे से अतिक्रमण हटवाया चाहिए।