महानंदा नदी का कटाव तेज,अजजा गां के पच्चीस परिवारों का घर नदी में समाया।
अमौर संवाददाता
पूर्णिया। महानंदा नदी के कटाव से बैसा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कनफलिया पंचायत के आजजा गांव के 25 परिवारों का घर महानंदा नदी में समा गया। साथ ही बचे हुए गांव के नजदीक भीषण नदी कटाव जारी है, जिसके कारण पूरे आजजा गांवों पर फिर से नदी कटाव का खतरा मंडराने लगा है। देखने से यह लग रहा है कि जिस तरह कटाव का कहर जारी है इससे महानंदा नदी किनारे स्थित पुरा आजजा गांव शीघ्र महानंदा नदी में समा जाएगा। कनफलिया पंचायत के समाज सेवी मोहम्मद मंजर आलम, वार्ड सदस्य मोहम्मद जाकिर नोरेज आलम मोहम्मद शाहनवाज मोहम्मद जियाउर रहमान मोहम्मद जलील आदि ने बताया कि नदी कटाव के भय से गांव के लोगों की रात की नींद भी उड़ गई है। गांव के लोगों को अब खेतों की चिंता नहीं है क्योंकि गांव के ज्यादातर लोगों की जमीन कई वर्ष पूर्व ही महानंदा नदी में कटाव के चलते समा गया है, लेकिन अब अगर गांव ही नदी में विलीन हो जाए तो गांव के लोग कहां जाएंगे। जिस तरह नदी कटाव जारी है इससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि इस वर्ष आजजा गांव बच पाएगा या नहीं यह तो ईश्वर ही जानते हैं । उन्होंने बताया कि पिछले बार भी आजजा गांव के नजदीक भीषण कटाव जारी था, पिछले वर्ष भी आजजा गांव के दर्जनों परिवार नदी कटाव की चपेट में आ गया था, उन्होंने बताया कि पिछले बार संबंधित विभाग के अधिकारी नदी कटाव रोकने हेतु कटाव निरोधक कार्य कराने का आश्वासन भी दिया, परंतु स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ के मौसम में हर वर्ष नदी कटाव होता है, परंतु आज तक सरकार के द्वारा स्थायी कटाव निरोधक कार्य (पत्थर से बोल्डर पींचिग) नहीं किया गया, अगर स्थायी कटाव निरोधक कार्य किया जाता तो सैंकड़ों एकड़ जमीन, एंव आंगनवाड़ी केंद्र कब्रिस्तान हजारों की संख्या में परिवार नदी कटाव के चपेट में नहीं आता। कहा कि जब बरसात का मौसम आता है तथा नदी कटाव तेज हो जाता है तो विभाग के अधिकारियों द्वारा नदी कटाव को रोकने हेतु सिर्फ आश्वासन ही आश्वासन दी जाती है, जबकि इस से कुछ भी फायदा नहीं होता है, स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए स्थायी कटाव निरोधक कार्य ( पत्थर से बोल्डर पींचिग) कराने की मांग की है।