एक ओर योगी सरकार अपराध व अपराधीयों पर नकेल कसने का दावा कर रहीं है तो वही मेहनगर में अपराधी बेखौफ़ भ्रमणशील हैं और स्थानीय पुलिस के सह पर अवैध वसूली का कार्य आज भी कर रहे हैं 302 व 509 के अभियुक्त को जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्र भ्रमण हेतू बाकायदा कार्ड जारी किया गया है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं ।
मेहनगर आज़मगढ़
स्थानीय थाना क्षेत्र में योगी सरकार के लाख नकेल कसने के बाद भी अपराधियो के हौसलें इस कदर बुलंद है कि क्षेत्रीय लोग आज भी सहमे हुए है। वहीं स्थानीय पुलिस व जिला प्रशासन इन अपराधियों पर हाथ डालने से भी कतरा रही हैं। वही जिला प्रशासन जानें अंजाने में 302 व 509 के अभियुक्त का बाकायदा प्रेस कार्ड जारी कर बचाव किया गया है। जिसको लेकर आम लोगों में चर्चाएं आम है कि आखिर एक शातिर अभियुक्त का जिला प्रशासन द्वारा बाकायदा प्रेस कार्ड जारी कर खुले आम एक अपराधी का बचाव करने की आखिर क्या मजबूरी रही है जो एक रहस्य बना हुआ हैप्राप्त जानकारी के अनुसार सन् 1997 में आजमगढ़ जिले के मेहनगर नगरपंचायत के गांधी नगर वार्ड नंबर 5 के रहने वाले 21साल के युवक जयप्रकाश सेठ की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर के मामले मे मृतक के परिजनों ने सुनील कुमार त्यागी पुत्र मेवालाल आदि को नामजद किया परिजनों के तहरीर पर मेहनगर थाना पर मुकदमा अपराध संख्या 206/1997 धारा 302 मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस कड़ी मेहनत के बाद सुनील कुमार त्यागी पुत्र मेवालाल को गिरफ्तार कर पायी, गिरफ्तारी के दौरान सुनील कुमार त्यागी का अपराध जगत व प्रशासनिक अमला मे काफी अच्छी पकड़ होने के नाते कुछ दिन बाद ही जमानत पर रिहा होने में सफल रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील कुमार त्यागी जमानत पर छूटने के बाद राजनीतिक संरक्षण व प्रशासनिक संरक्षण में क्षेत्र में छोटी व बड़ी बड़ी वारदातों को अंजाम देने के लिए योजनाओं का संचालन करता रहा । प्रशासनिक पकड़ ने नाते ही अपने परिवार मे एक सरकारी नौकरी भी हासिल कर लिया। अपनी पकड़ बल पर लोगों में खौफ ज्यदा रहा। सुनील कुमार त्यागी पुत्र मेवालाल अपने मिशन मे हमेशा लगा रहता था पूर्वांचल के अपराधियों का आज भी सुनील के घर आना जाना हमेशा लगा रहता है। इसके बाद भी पुलिस व प्रशासन सुनील कुमार त्यागी पर कभी भी हाथ नही डाली और वह अपने मंसूबे मे वर्तमान में भी कामयाब होता रहा। जिससे मेहनगर क़स्बा सहित अगल बगल के गाँवों में आज भी दहशत व्याप्त हैं आज भी सुनिल कुमार त्यागी रंगदारी सहित कई अवैध काम को अंजाम अपने गोल के साथ करतां है लेकिन मेहनगर पुलिस एक अपराधी पर निगाह रखने के बजाय 302 के अभियुक्त को संरक्षण देने का काम कर रही है। जबकि मेहनगर थाना के अपराध रजिस्टर में मुकदमा अपराध संख्या 166/2020 धारा 509 का अभियुक्त आज भी खुलें आम चैटींग कर अपने कारनामों को अंजाम दे रहा है पुलिस प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रहीं हैं बल्कि जिला प्रशासन द्वारा 302 व 509 के अभियुक्त को बचाव के लिए बाकायदा कार्ड जारी किया हैं जो एक चर्चा का विषय बना हुआ हैं ।