प्रत्येक महिला अपने आप में सशक्त है : डॉ. नीता चौधरी।
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उद्देश्य प्राप्ति के लिए उत्सुकता का होना बहुत जरूरी : डॉ. पीजे फिलिप।
महिला सशक्तिकरण में महिलाओं की भागीदारी अहम : प्रोफेसर सोमनाथ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केन्द्र के तत्वाधान में महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 8 मार्च :- डॉ. नीता चौधरी, आईएएस सेवानिवृत्त, सचिव भारत सरकार ने कहा है कि प्रत्येक महिला अपने आप में सशक्त है। जब हम जीवन में कुछ प्राप्त कर लेते हैं तो हमें समुदाय व समाज को उस उपलब्धि का रास्ता दिखाना चाहिए। हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर कार्य करना चाहिए। वे सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा महिला दिवस पर आयोजित नेतृत्व में महिलाएं : कोविड-19 में विश्व में एक समान भविष्य की प्राप्ति विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में योग्यता की कोई कमी नहीं है। महिलाए आज हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहीं हैं। कोई भी ऐसा क्षेत्र अछूता नहीं है जहां महिलाओं की भागीदारी न हो। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी महिलाओं की अपनी अहम भूमिका है। आज भारत के मुख्य प्रशासनिक व अन्य उच्च पदों पर महिलाएं आसीन हैं। खेल, विज्ञान, संस्कृति, राजनीति, कला सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपना परचम लहरा रहीं हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केन्द्र के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए भी सराहना की व बधाई दी। बस्तियों तथा पहाड़ी क्षेत्रों की महिलाओं की स्थिति अपेक्षाकृत ज्यादा दयनीय है, जिनकी मूलभूत आवष्यकताएं भी पूरी नहीं हो पाती हैं। विश्वविद्यालय को अपने अभियान में महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण हेतु आर्थिक आत्मनिर्भरता अत्यंत आवश्यक हैं। इसके लिए सम्पत्ति में महिलाओं को कानूनी अधिकार मिलना महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने घरेलू महिलाओं को परिश्रमिक या सम्मानपूर्ण प्रोत्साहन राषि दिये जाने की वकालत की, जिससें उनमें आत्म सम्मान में वृद्धि हो।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एनआईटी कुरुक्षेत्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. पीजे फिलिप ने कहा कि कोरोना काल के बाद एक वर्ष के बाद इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि उद्देश्य प्राप्त करने के लिए उत्सुकता का होना जरूरी है। उन्हांने महिलाओं के कोविड-19 के दौरान किए गए कार्यो की प्रशंसा कि व बताया कि महिलाओं ने कोरोना काल में प्रशंसनीय कार्य कर समाज की भलाई में योगदान देकर अपना महत्व साबित किया है। उन्हांने जर्मनी की चांसलर अंगेला मार्केल को महिला सशक्तिकरण में विश्व का जीता जागता उदाहरण बताया। इसके साथ ही उन्होंने न्यूजीलैंड और फिनलैंड की महिला प्रधानमंत्री के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत की मुख्य महिला वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन भी उच्च पद पर आसीन हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण में महिलाओं की भागीदारी बहुत अहम है। आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी महिला सशक्तिकरण दिखाई दे रहा है। विश्वविद्यालय के उच्च पदों पर महिला अधिकारी कार्य कर रही हैं। महिलाएं अपने आप में योग्य हैं व उनमें आत्मविश्वास भरा हुआ है।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि विकसित देशों में किसी भी प्रकार के कार्य में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक है। इसलिए वहां की अर्थ व्यवस्था को बढ़ाने में महिलाओं की अपनी अहम् भूमिका है। कुलपति ने महिलाओं को सामाजिक रूप से सशक्त करने का आह्वान भी किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के तकनीक व साईंस पाठ्यक्रमों में ज्यादातर छात्राएं ही अग्रणी रही हैं व गोल्ड मैडल प्राप्त कर मेरिट सूची में आई हैं।
कुवि महिला अध्ययन शोध केन्द्र की निदेशिका प्रो. सुदेश ने मुख्यातिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं में बहुत आत्मबल तथा सामर्थ्य है, जरूरत इस बात की है कि उन्हें उपयुक्त माहौल तथा निर्देशन मिल सके ताकि वे विभिन्न जिम्मेदारियों तथा नेतृत्व पदों के लिए सक्षम बन सके।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. वंदना दवे ने किया व डॉ. प्रीति जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डीन इंडिक स्टडीज प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. एसएस बूरा, डीन इंजिनियिंरग प्रो. सीसी त्रिपाठी, प्रो. निर्मला चौधरी, प्रो. विनीता ढींगरा, प्रो. सीपी सिंह, डॉ. नीलम ढांडा डॉ. अनुरेखा शर्मा, डॉ. अनिता भटनागर, डॉ. बिन्दु शर्मा, प्रो. नीलू सूद, प्रो. सुनीता सिरोहा, प्रो. इंदिरा, डॉ. उषा लोहान, डॉ. पोनमनी, डॉ. सिम्मी वशिष्ट, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. मीनाक्षी सुहाग, डॉ. वनिता भानकड, डॉ. सलोनी दीवान, डॉ. मधुदीप, डॉ. निरूपमा भट्टी, डॉ. रीटा दहिया, डॉ. पूनम, डॉ. सुमन ढांडा, डॉ. महासिंह पूनिया, कुटा प्रधान डॉ. परमेश कुमार, डॉ. गुरचरण, डॉ. अजय सोलखे सिंह सहित शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे।