भारत का हर युवा बने उद्यमशील, नौकरी लेने की बजाए देने वाला बने यही हो सभी का ध्येय: प्रोफेसर सोमनाथ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877
आत्मनिर्भर भारत वर्तमान की आवश्यकता।
मीडिया क्षेत्र में भी हम आत्मनिर्भर बने इस दिशा में काम करें मीडिया विद्यार्थी: प्रोफेसर सोमनाथ।
जो निरंतर पढे़गा, नए कौशल सीखेगा।
घटनाओं को गंभीरता से लेगा वही श्रेष्ठ मीडियाकर्मी बनेगा: सरजू कौल।
कामयाब मीडियाकर्मी बनने के लिए रीडिंग व वर्किंग प्लान को अमल में लाना जरूरी: सरजू कौल।
तथ्य में ही तर्क, तथ्य ही विश्वसनीय, तथ्यों के महत्व को समझ विश्वसनीय पत्रकारिता के लिए खुद को तैयार करें विद्यार्थी: बलदेव कृष्ण।
क्लासरूम में न्यूजरूम बने तो बेहतर तैयार होंगे मीडियाकर्मी।
भाषा व तकनीक को साथी बनाएं: बलदेव कृष्ण।
कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में उद्योग एवं शिक्षण इंटरफेस विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ।
कुरुक्षेत्र, 17 फरवरी :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत वर्तमान समय की आवश्यकता है। मीडिया क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बने इस दिशा में भावी मीडियाकर्मियों को विचार करने की आवश्यकता है। हमारे विद्यार्थी जब नौकरियों के पीछे भागने की बजाए खुद के लिए व दूसरों के लिए रोजगार पैदा करेंगे उस दिन हमारा देश और अधिक सशक्त व मजबूत होगा। भावी मीडिया कर्मियों को इस तरीके से प्रशिक्षित करें कि वे एक सफल मीडिया कर्मी के साथ-साथ व्यवसायी भी बने। वे बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय उद्योग एवं शिक्षण इंटरफेस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
आत्मनिर्भर भारत के लिए विद्यार्थियों के प्रशिक्षण पर बोलते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि देश में नौकरियों की कमी को पूरा करने का रास्ता उद्यमशीलता ही है। सीमित मात्रा में ही सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरियां उपलब्ध हैं। भारत युवाओं का देश है व इस युवा शक्ति को रोजगार की दिशा में भी आत्मनिर्भर बनने के लिए उद्यमशीलता की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। जब विद्यार्थी को क्लास रूम में ही एक सफल व्यवसायी बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा तब वह अपने लिए नहीं दूसरों के लिए भी रोजगार पैदा कर सकेगा। उन्होंने जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को मीडिया उद्योग में काम कर रहे लोगों से जोड़ना व उनके बीच संवाद स्थापित करना जरूरी है। विद्यार्थी जब उनके अनुभवों को सुनेंगे तो वे खुद को बेहतर तरीके से मीडिया उद्योग के लिए तैयार कर सकेंगे। आत्मनिर्भर भारत देश के 135 करोड़ लोगों का सपना है। मीडिया क्षेत्र में भी भावी मीडियाकर्मियों को नौकरी की चाह की बजाए नौकरियां पैदा करने की चाह विकसित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक सरजू कौल ने कहा कि आज मीडिया के क्षेत्र में बडी संख्या में विद्यार्थी करियर बनाने की चाह रखते हैं। वे प्रिंट, ब्राॅडकास्ट व डिजिटल प्लेटफोर्म पर काम करने की चाह रखते हैं। विद्यार्थियों की मीडिया में यह रूचि उद्योग के लिए बहुत अच्छी है। आज मीडिया के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए अपार संभावनाएं हैं लेकिन एक अच्छा मीडियाकर्मी बनने के लिए सबसे अधिक जरूरी अध्ययन करना है। जो विद्यार्थी निरंतर पढते हैं, कौशल सीखते हैं वे ही बेहतर मीडियाकर्मी बन पाते हैं। उन्होंने कहा कि पढने से विद्यार्थियों की तर्कशक्ति व भाषायी शक्ति बढती है। इसलिए विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम बढाने के लिए अपनी रीडिंग पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को क्लासरूम के समय को ही न्यूजरूम की तैयारी के लिए देना चाहिए। आज मीडिया के विद्यार्थी से बहुकौशल की अपेक्षा रहती है। इसलिए उन्हें क्लासरूम में ही इसके लिए खुद को प्रशिक्षित होने कीे आवश्यकता है। विद्यार्थी क्लासरूम में ही नागरिक पत्रकार के रूप में काम करें। अपनी सहभागीता दे। मीडिया क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों से अपने संपर्क बढाए। इस तरह से ही कोई व्यक्ति एक सफल मीडियाकर्मी बन सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में भी आत्म निर्भरता की आवश्यकता है। सभी के लिए नौकरियां किसी चुनौती से कम नहीं हैं। मीडिया के विद्यार्थी खुद के व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। लेकिन कुछ भी बनने के लिए पुस्तक व पुस्तकालयों को जीवन साथी बनाने की जरूरत है। विद्यार्थी जब पढेंगे तब उनका लेखन, भाषायी, तर्क, कौशल बढने के साथ विषयों की समझ भी बढेगी और ऐसे ही वे एक सफल मीडियाकर्मी बन पाएंगे।
संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार बलदेव कृष्ण शर्मा ने प्रिंट मीडिया में संभावानाएं विषय पर बोलते हुए कहा कि कोविड का समय पत्रकारिता के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था। इस समय में अखबारों की प्रसार संख्या बुरी तरह से प्रभावित हुई लेकिन कोविड के जाते-जाते ही प्रसार संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह दिखाता है कि लोगों की रूचि आज भी लिखे हुए शब्दों यानि अखबार में अधिक है। कोविड का समय पत्रकारिता के लिए एक अवसर बनकर भी आया। कई नई तरह की संभावनाएं पत्रकारिता में पैदा हुई जो भावी मीडियाकर्मियों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होंगी। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह पत्रकारिता भी संभावनाओं से भरा एक बडा क्षेत्र है जहां पर विद्यार्थी अपना बेहतर करियर बना सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें मल्टी टॉसकिंग होने की आवश्यकता है। नई पीढी की यह खूबी है कि वे तकनीक को अच्छे से समझती है। उसका काम करने का नजरिया बिल्कुल अलग है। इसलिए मीडिया उद्योग में ऐसे लोगों की आज बडी जरूरत है। ऐसी स्मार्ट पीढ़ी को हर समाचार संस्थान अपने न्यूजरूम का हिस्सा बनाना चाहता है। मीडिया के विद्यार्थियों के लिए संभावनाएं भी पहले से अधिक हैं लेकिन अलग विद्यार्थी अपने क्षेत्र को लेकर थोडा गंभीर हो जाएं तो वे बहुत अच्छा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया के विद्यार्थी को डिजिटल स्किल के साथ-साथ पत्रकारिता के लिए पैसन, दृष्टिकोण, ज्ञान, भाषा, विषयों की समझ होना जरूरी है। विद्यार्थियों को यह समझने की जरूरत है कि फैक्ट ही तथ्य है और वही विश्वसनीय है। जो विद्यार्थी इस तरह की पत्रकारिता करेंगे वे ही भविष्य की विश्वसनीय पत्रकारिता में खुद को साबित कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने क्लासरूम में ही न्यूजरूम का अनुभव लेना होगा। वे अपनी कक्षा को ही न्यूजरूम बना सकते हैं, वहीं वे इन-डिजाइन जैसे साॅफ्टवेयर सीखें, नई तकनीक सीखें तभी वे एक अच्छे पत्रकार व मीडिया व्यवसायी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज मीडिया के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए सौ किलोमीटर की दायरे में ही नौकरियां उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों को इन्हें पाने के लिए परिश्रम करने की आवश्यकता है। जो विद्यार्थी हर दिन, हर महीना व हर पल खुद को बदलने के लिए तैयार होंगे वे ही भविष्य में अच्छे व्यवसायी बन पाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाचार माध्यमों पर अपनी नजर रखें व खुद को उनके लिए तैयार करें। शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता की अगली पीढी को तैयार करने के लिए मीडिया शिक्षण संस्थानों व मीडिया उद्योग को एक साथ आगे आना होगा तभी पत्रकारिता की बेहतर व अच्छी पीढी हम लोग तैयार करने में सफल हो सकेंगे।
इस मौके पर जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रो. बिंदु शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया, ग्राफिक्स एनिमेशन, मल्टीमीडिया व प्रिंटिंग के विद्यार्थियों को उद्योग, मीडिया शिक्षण की बारिकियों के बारे में बताना है तथा उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना है। विद्यार्थी विशेषज्ञों के अनुभवों से खुद को आगे बढाएं इसके लिए ही तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने पहले दिन के लिए सभी वक्ताओं का आभार जताया।
कोर्स के संयोजक डाॅ. अशोक कुमार ने कहा कि इस तीन दिवसीय इंडस्ट्री-एकेडमिक मीट के पहले दिन टाइम्स आॅफ इंडिया की संपादक सरजू कौल, दैनिक भास्कर के पंजाब, हरियाणा संपादक बलदेव कृष्ण, नेटवर्क 18 के संपादक अरूण पाण्डे व डिजाइन मेंटर परमिंदर सिंह के व्याख्यान हुए। 18 फरवरी को ग्राफिक्स डिजाइन पर मनीषा देशवाल, थ्री-डी एनिमेशन विषय पर अमित चहल, मल्टीमीडिया उद्योग में करियर एवं संभावनाएं विक्रमजीत सिंह व विविध भारती के वरिष्ठ उद्घोषक युनुस खान के व्याख्यान होंगे। इस मौके पर विभाग के सभी शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।