उत्तराखंड:हरिद्वार कुंभ में कोरोना जाँच में हुए फर्जीवाड़े के मिले सबूत, हर नंबर पर किया जा रहा हैं संपर्क


प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

कुम्भ मेले के दौरान हुए फर्जी कोरोना टेस्टिंग पर नया अपडेट सामने आया है,  जहां फर्जीवाड़ा होने के कुछ सबूत मिले हैं। कुम्भ मेले के दौरान जिन एक लाख rtpcr जांच में फर्जीवाड़ा होने के आरोप लग रहे हैं उन नंबर्स को भी वेरिफाई किया जा रहा है और इसके लिए 8 लोगों की टीम एक एक नंबर पर फोन करके उसे वेरिफाई कर रही है ,जिनमें काफी हद तक फर्जीवाडा होने के साक्ष्य सामने आ रहे हैं,
अभी भी लगातार इसी लाइन पर जांच का क्रम चल रहा है
 
क्या है कुम्भ फर्जीवाड़ा घोटाला –
कुंभ के दौरान आने वाले यात्रियों और अन्य लोगों की कोरोना जांच के लिए कुंभ स्वास्थ्य विभाग ने 11 लैब को  कुम्भ में कोरोना जांच के लिए अधिकृत  किया था, इनमें मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज और इसके द्वारा हायर किये गए नलवा लैब्स और डॉ लालचंदानी लेब द्वारा करीब एक लाख कोरोना rtpcr की जांच में फर्जीवाड़ा की बात सामने आयी थी .
उत्तराखंड सरकार ने इतनी अधिक संख्या में आने वाले लोगों की जान की सुरक्षा और कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए ही कोरोना जांच को बढ़ाया था ताकि कोई भी संक्रमित मेला क्षेत्र में प्रवेश न करे, ओर कोई आ भी जाये तो उसे तत्काल ट्रेस किया जा सके.

लेकिन लैब की तमाम टेस्टिंग सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही और हकीकत में कुछ नही किया, जिससे कुंभ में आने वाले बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोरोना संक्रमित हुए और यही नही इसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जान को खतरा हुआ.

डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को टेस्ट कराने वाले का नाम पता और फोन नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए थे बावजूद इसके निजी लैब ने अनियमितता कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया ,जिस पर जिलाधिकारी ने सीडीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया था जिस पर अभी जाँच जारी है
SIT उत्तराखंड भी इस जांच को बेहद गंभीरता बरतते हुए हर कड़ी पर गहन जांच में जुटी है .
 
ऐसे सामने आया कुम्भ टेस्टिंग  घोटाला –
कुंभ 2021 के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों व स्थानीय लोगों की कोरोना जांच में बड़ी फर्जीवाड़ा के आरोप लगने के बाद हरिद्वार  डीएम सी रवि शंकर ने 3 सदस्यीय समिति का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिए थे ,आरोप था कि कुंभ 2021 मेले के दौरान  यात्रियों और साधु संतों की बड़ी पैमाने पर कोविड जांच की गयी थी मगर इस कोविड जांच के नाम पर निजी लेब द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया ,इसकी शिकायत फरीदकोट निवासी विपिन मित्तल द्वारा स्वास्थ्य सचिव से की गयी कि वे कुंभ में नही आये पर उनकी जांच रिपोर्ट आई है, इस पर स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारी हरिद्वार को जांच करवाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा जांच कमेटी गठित की गई है और फिर जो पूरा मामला खुलकर सामने आया उसने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए .
 
क्या मिला अभी तक जांच में-
कैसे लिखा गया मुकदमा –
प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़े के साक्ष्य मिलने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के झा की तहरीर पर हरिद्वार कोतवाली में 17 जून को  कंपनी मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज और दो लैब डॉ लाल चंदानी और नलवा लैब्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया , इनपर आरोप है कि इन्होंने जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है और ऐसे लोगों की जांच भी की है जो हरिद्वार कुंभ में आए ही नहीं मगर उनके नाम पर जांच करके रिपोर्ट सबमिट की गई ,यही नही एक ही स्थान पर सैकड़ों जांच की गई ,एक ही फोन नंबर पर बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन किये गए
कौन सी एजेंसी कर रही हैं इस महाघोटाले की जांच –
 
फर्जीवाड़े मामले में जिला प्रशासन और मेला प्रशासन द्वारा अलग-अलग स्तर पर जांच कराई जा रही है मेला प्रशासन ने अपर मेला अधिकारी स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक 5 सदस्य समिति बनाकर अंदरूनी स्तर पर इस फर्जीवाड़े की जांच शुरू करवा दी है तो वहीं जिला प्रशासन के द्वारा सीडीओ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है दोनों ही समितियों को अलग अलग 15 दिन का समय दिया गया था .
जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में प्रारंभिक तौर पर फर्जीवाड़ा होने के तथ्य मिले हैं जिसके आधार पर जिला प्रशासन के निर्देश पर सीएमओ द्वारा नगर कोतवाली हरिद्वार में मैक्स कारपोरेट सर्विसेज और नलवा लैब्स और डॉ लाल चंदानी के विरुद्ध धारा 269, 270, 420, 468, 471, 120 बी, 188 भादवि , धारा 5 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और धारा 3 महामारी अधिनियम 1897 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया था

मामला बड़ा होने की वजह से उत्तराखंड की SIT ने भी कमान संभाली हुई है जांच की जिसकी सीधे तौर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ही मोनिटरिंग कर रहे हैं
 
ये हुई अब तक की कार्यवाही –
 
जिलाधिकारी से रविशंकर ने मुकदमा दर्ज करने के साथ स्पेशल इन्वेस्टीगेशन के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया था  इसपर 18 जून को  एसएसपी हरिद्वार ने एसआईटी गठित कर दी ,एसआईटी का नेतृत्व सीओ बुग्गावाला राकेश रावत को दिया गया और नगर कोतवाली प्रभारी राजेश शाह को आईओ बनाया गया है ,एसआईटी के सुपरविजन की जिम्मेदारी एसपी सिटी को सौंपी गई जो सीधा पुलिस प्रमुख को भी रिपोर्ट कर रही हैं .
 
उत्तराखंड एसआईटी के द्वारा आरोपी कंपनी मैक्स कारपोरेट सर्विसेज़ ,डॉ लालचंदनी लैब और नलवा लैब्स को नोटिस भेजकर तलब किया है ,एसआईटी ने स्पेशल वाहक द्वारा दो नोटिस दिल्ली और एक नोटिस हिसार भेजा है ,यही नही एसआईटी द्वारा अन्य संबंधित को भी नोटिस दिए गए और डॉक्युमेंट की जांच भी शुरू कर दी गयी है और संबंधित अधिकारियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है,

 
अब तक  जांच अधिकारी  मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार के कक्ष में आरोपित कंपनी मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के पार्टनर और अन्य से घंटों तक  पूछताछ कर चुहै है  ,मैक्स कंपनी के पार्टनर शरत पंत और दूसरी पार्टनर और शरत की पत्नी मलिका पंत और अन्य से जांच अधिकारी सीडीओ और उनके साथी दोनों जांच अधिकारियों ने पूछताछ कर फर्जीवाड़े का पता लगाने का प्रयास किया है ,और कुछ डॉक्युमेंट भी प्राप्त किये हैं ,
साथ ही नलवा लेब और डॉ लालचंदानी लैब के प्रतिनिधियों से भी घंटो पूछताछ की गई,पूछताछ के बाद मैक्स करपोरेट सर्विसेज के पार्टनर ने फर्जीवाड़े में हाथ होने से इनकार किया।
 
मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज कंपनी पर ये भी हैं आरोप-
मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज कंपनी को 12 मार्च 2021 को आवेदन पत्र पर मिली अनुमति संबंधी कागज में ओवर राइटिंग कर 12 मार्च को 12 जनवरी किया गया है , इस पर स्वास्थ्य मेलाधिकारी कुम्भ के हस्ताक्षर है जिसकी दिनांक में ओवर राइटिंग की गई है ,
उन्होंने कहा कि मैक्स कॉरपोरेट कंपनी ने नामचीन मैक्स कंपनी का नाम इस्तेमाल करते हुए खुद ये किया और खुद को कोरोना जांच करने वाली कंपनी बताया था और उसके बाद मैक्स ने लालचंदानी और नालवा लैब को कोरोना जाँच का काम सौंप दिया.
नालवा लैब ने भी एक तीसरी कंपनी डेल्फिया से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच कराई जबकि इस कंपनी के पास कोरोना जाँच करने का कोई लाइसेंस नही है.
नेताओं ने साध रखी है चुप्पी –
मैक्स कंपनी के मालिक शरत पंत ने जिन बड़े नेताओ और मंत्रियों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डाले है, उन नेताओं ने भी चुप्पी साधी हुई है आखिर क्यों, उन्होंने मैक्स कॉरपोरेट की पार्टनर मलिका की सचिवालय में कार्यरत बहन को लेकर भी प्रश्न खड़ा किया ।
 
पुलिस ने मुकदमे  में बढ़ाई धारा –
इस  मामले में 2 जुलाई को एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में पुलिस ने मुकदमे में आईपीसी की धारा 467 को बढ़ाया है और इसके आधार पर जांच शुरू कर दी है.
एसआईटी , मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेस के साथ ही दोनों लैब्स नलवा लेब और डॉ लालचंदानी लेब के प्रतिनिधियों से पूछ ताछ कर चुकी है और साथ ही इस मामले में जिनकी भी संलिप्तता है या जो आर्डर देने में या जो इसको नियंत्रित करने में लगे है सभी से पूछताछ की जा रही है।
कितनी एंट्री और जांच करवाई गईं –
 
जिलाधिकारी की जाँच में यह तथ्य सामने आया कि 13 अप्रैल 2021 से 16 मई 2021 कुम्भ मेले में उक्त फर्मो द्वारा 1,04,796 सैम्पल लिए जाने के लिए एंट्री कराई गई और 95,102 पोर्टल में अपलोड कर दिए गए।
शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि इन फर्मो द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए गलत तरीके से एक लाख लोगों की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई। उदाहरण के तौर पर हरिद्वार के नैपाली फार्म में 3,825 लोगों का सैम्पल फोन नम्बर 7747028 144 से दर्ज कर दिया गया, जिससे स्पस्ट होता है कि इनके द्वारा सरकार को आर्थिक हानी पहुंचाई गई है। इस शिकायत को आधार मानकर सी.एम.ओ.हरिद्वार ने नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 53 और आई.पी.सी.की धारा 120बी, 188, 269, 270, 420, 468 और 471 में 17 जून 2021 को मैक्स कॉरपोरेट सर्विस नालवा लैबोरेटरी और डॉ.लालचंदानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
शिकायत को आधार मान किया गया शुरुआती मुकदमा-
शिकायत को आधार मानकर सी.एम.ओ.हरिद्वार ने नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 53 और आई.पी.सी.की धारा 120बी, 188, 269, 270, 420, 468 और 471 में 17 जून 2021 को मैक्स कॉरपोरेट सर्विस नालवा लैबोरेटरी और डॉ.लालचंदानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिसके खिलाफ मैक्स व डॉ.लालचंदानी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिकाएं दाखिल की हैं और जिसमे अब सुनवाई जारी है ।
 
ये हुई अब तक कोर्ट में कार्यवाही-
 
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में हरिद्वार के मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने याचिका दायर कर कुंभ मेले के दौरान कोरोना की नकली टैस्टिंग के खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर.को चुनौती दी,
मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के अधिवक्ता डॉ.कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि उन्होंने न्यायालय से कहा कि उनके क्लाइंट(मुवक्किल)ने राष्ट्र स्तर पर लैबरेटरी से अनुबंध किया है .

आरोप लगाया कि एफ.आई.आर.में दर्ज संबंधित चार्ज उनके खिलाफ बनते ही नहीं हैं साथ ही उन्होनें ये दावा किया  कि नलवा लैबोरेटरीज और डॉ.लाल चंदानी लैब्स लिमिटेड दोनों ही आई.सी.एम.आर.से मान्यता प्राप्त हैं

 
मैक्स सर्विसेज़ सेवादाता फर्म, फर्जीवाड़े से नहीं कोई नाता – अधिवक्ता मैक्स सर्विसेज़
मैक्स सर्विसेज़ के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में ये दावा किया कि ,
मैक्स कॉरपोरेट सर्विस तो केवल सेवा दाता कंपनी है , याची ने न्यायालय से कहा है कि मैक्स का इस फर्जीवाड़े से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि वो भी चाहते हैं कि इस घोटाले का खुलासा हो .
अधिवक्ता कार्तिकेय ने कहा कि उनकी कंपनी इस मसले में दोनों लैबों को केवल सुविधा प्रदान करने वाली है.
सभी सैम्पल एकत्रित और अन्य डाटा एंट्री तो सरकार के सक्षम अधिकारियों की देखरेख में हुई थी .
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से कहा है कि उन्हें सरकार की किसी भी दुर्भावना से सुरक्षा दे ,
इसके लिए उनके क्लाइंट ने सरकार की जांच में हर संभव मदद करने की बात कही है
अन्य लैब भी अब कोर्ट की शरण मे –
हरिद्वार कुम्भ के दौरान कोविड जांच में धोखाधड़ी करने के आरोपी डॉ.लालचंदानी लैब दिल्ली ने एफ.आई.आर.को निरस्त करने और अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, लैब की तरफ से कहा गया है उनको कुम्भ मेले में टैस्ट करने के लिए मैक्स कॉरपोरेट द्वारा काम दिया गया था ,जिसे उन्होंने सही तरीके से किया, और उसका सारा रिकार्ड उनके पास मौजूद है,
उनका लैब आई.सी.एम.आर.से मान्यता प्राप्त है।
 
क्या हैं आज के हालात –
कोविड की दूसरी लहर ने जिस तरह से हाहाकार मचाया उसे काफी हद तक कुंभ आयोजन से भी जोड़कर देखा जा रहा है और शायद यही वजह है की उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर भी तब तक रोक लगा दी है जब तक सरकार की तरफ से सम्पूर्ण दी जानी वाली सुविधाओं का डाटा कोर्ट में जमा नही किया जाता , इसके साथ है तमाम पर्यटक स्थलों पर भी जिस तरह से भीड़ बिना नियमों का पालन किये उमड़ रही है उसको भी उत्तराखंड हाइकोर्ट बेहद गंभीरता से ले रहा है .

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