बिहार:प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना: शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की हुई जांच

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना: शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की हुई जांच

-समुचित स्वास्थ्य जांच के बाद गर्भवती महिलाओं को दी गयी सुरक्षित प्रसव संबंधी जानकारी
-शिविर में चिह्नित हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं के सुरक्षित प्रसव का होगा समुचित इंतजाम
-प्रसव पीड़िता की स्वास्थ्य रिपोर्ट उपलब्ध कराने पर आशा को मिलेगी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि

अररिया

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना कार्यक्रम के तहत जिले के सभी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में बुधवार को गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के लिये विशेष शिविर का आयोजन किया गया। मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से संचालित इस योजना के तहत प्रत्येक महीने की नौ तारीख को स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष जांच शिविर के आयोजन का प्रावधान है। ताकि गर्भवती महिलाओं को व्यापक व गुणवत्तापूर्ण प्रसव संबंधी देखभाल सेवाएं सुनिश्चित करायी जा सके।

गुणवत्तापूर्ण जांच व जरूरी परामर्श कार्यक्रम का उद्देश्य :

पीएमएसएमए कार्यक्रम के सदर अस्पताल में आयोजित शिविर में दर्जनों गर्भवती महिलाओं ने भाग लिया। जानकारी देते हुए सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच के साथ सुरक्षित प्रसव को लेकर उन्हें बेहतर परामर्श देना कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि गर्भवस्था के दौरान चार प्रसव पूर्व जांच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है।

पीएमएसएमए से प्रसव संबंधी जटिलताओं को कमी लाना संभव :

अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि प्रसव से पूर्व संपूर्ण जांच के अभाव में उच्च जोखिम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती है। इससे प्रसव के दौरान जटिलता की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि गर्भवस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, वजन का अधिक या कम होना, खून की कमी की समस्या का समय रहते निदान नहीं होने से प्रसव संबंधी जटिलताएं कई गुणा बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना बेहद कारगर साबित हो रही है।

एएनसी के क्रम में दी जाती है नि:शुल्क दवा व जरूरी परामर्श :

सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच कर रही एएनएम बबिता कुमारी ने बताया कि इस क्रम में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी, हीमोग्लोबिन, सुगर, हेपेटाइटिस संबंधी जांच की जाती है। गर्भवती महिलाओं को 180 आयरन की गोली व 260 कैल्सियम टैबलेट नि:शुल्क दी जाती है। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान खान-पान, बरती जाने वाली अन्य सावधानी की जानकारी उन्हें दी जाती है। जो सुरक्षित व सामान्य प्रसव के लिये जरूरी है। एएनसी जांच के लिये अस्पताल पहुंची किरण देवी ने बताया कि सरकार की इस योजना से सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। जांच के लिये निजी चिकित्सा संस्थानों में जाने की मजबूरी से जहां आम लोगों को निजात मिली है वहीं स मुचित देखभाल व चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होने से गर्भवती महिलाओं के दिल में प्रसव से जुड़ी चिंताओं में कमी आयी है।

हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मामलों की पहचान जरूरी :

डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ ने बताया कि 09 फरवरी से एक्सटेंडेड पीएमएसएमए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इसके तहत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी कैटेगरी में आनी वाली गर्भवती महिलाओं की तीन अतिरिक्त प्रसव पूर्व जांच की जानी है। इसके लिये गर्भवती महिला व संबंधित आशा को 100 रुपये प्रति विजिट उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इतना ही नहीं प्रसव के पश्चात 45 वें दिन आशा गृह भ्रमण कर जच्चा व बच्चा के स्वस्थ होने की सूचना एएनएम के माध्यम से पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देंगी। इसके लिये आशा को 500 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि के रूप में भगतान किया जायेगा।

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