वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
मौसम परिवर्तन के साथ सब्जियों की खेती में है काफी लाभ।
कुरुक्षेत्र, 23 जून : कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह के अनुसार समय परिवर्तन के साथ आजकल उच्च शिक्षित लोग भी तेजी से खेती की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे शिक्षित लोग कृषि विशेषज्ञों एवं अधिकारियों की सलाह से अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फसलों, फलों और सब्जियों की खेती करते हैं। डा. सिंह ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू हो रहा है। बरसात के सीजन में मूली, पालक, पत्ता गोभी, बैंगन आदि की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बरसात के सीजन में 3 तरह की सब्जियों की खेती होती है। बेल वाली सब्जियां, खड़ी फसल की सब्जियां और जमीन के अंदर होने वाली सब्जियां इत्यादि। ऐसे में अगर हम बरसात में बोई जाने वाली सब्जियों की बात करें तो फूलगोभी, पत्तागोभी, खीरा, बैंगन, करेला, लौकी, पालक, बींस, भिंडी, मिर्च और मूली आदि उगाई जा सकती है।
मानसून में सब्जियों की खेती।
डा. सिंह के अनुसार मानसून का महीना जून से लेकर अगस्त तक या ज्यादा से ज्यादा 15 सितंबर तक होता है। ऐसे में बरसात में जहां कुछ सब्जियों की नर्सरी तैयार की जाती है तो वहीं बहुत सी सब्जियों के बीजों को सीधे खेतों में बुआई की जाती है। उन्होंने बताया कि टमाटर, मिर्च, तोरी, लौकी, गोभी, प्याज आदि पौधे से उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियां हैं।
अच्छे बीज का चुनाव
कृषि विशेषज्ञों की सलाह से अच्छी श्रेणी के बीज का चुनाव करना चाहिए। अच्छी फसल उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है। इसलिए मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होने चाहिए। किसा को कोशिश करनी चाहिए कि ऐसी जगह का चुनाव करें जहां पानी नहीं ठहरता या भरता हो। इसके अलावा, बारिश में वायरस से होने वाले रोगों और कीटों से भी फसलों की सुरक्षा करनी चाहिए।
कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह जानकारी देते हुए।