बायोमेडिकल का क्षेत्र व्यापक, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बायोमेडिकल की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रोफेसर सोमनाथ।
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बॉयोमेडिकल के क्षेत्र में निरंतर शोध की आवश्यकता : प्रो. राजीव।
कुवि के यूआईईटी संस्थान एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार टीक्यूप 3 व स्प्रिंगर के सौजन्य से दो दिवसीय ऑनलाइन संगोष्ठी का शुभारम्भ।
कुरुक्षेत्र 28 अप्रैल :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वर्तमान में बायोमेडिकल का क्षेत्र अत्याधिक व्यापक है। बायोमेडिकल के क्षेत्र में इतनी क्षमता है जिससे भविष्य में अधिकतर बीमारियों से बचने तथा इनके इलाज के लिए उपकरण तैयार किए जा सकते हैं। एक तरह से आज विश्व में स्वास्थ्य प्रणाली कि जो स्थिति है उसे भविष्य में और भी बेहतर बनाने की क्षमता इस क्षेत्र में मौजूद है। वे बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार टीक्यूप 3 व स्प्रिंगर के सौजन्य से ईमरर्जेंट कन्वर्जिंग टेक्नालॉजी एंड बायोमेडिकल सिस्टम 2021 विषय पर ऑनलाइन दो दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि आज के दौर में हर व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में साइंस और टेक्नालॉजी की अधिक आवश्यकता है व स्वास्थ्य क्षेत्र में बायोमेडिकल की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी वर्तमान परिपेक्ष्य में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी। कुवि के यूआईईटी संस्थान ने इस संगोष्ठी की विषय वस्तु से जुड़े विषयों को क्वालिटी एजुकेशन प्रोग्राम के तहत आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक, ब्लाकचेन पर कार्यशाला आयोजित करके इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने का सराहनीय कार्य किया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के मेंबर सेक्रेट्री प्रोफेसर राजीव कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के दूसरे चरण में यह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान के लिए बड़ी प्रशंसा का कार्य है क्योंकि यह विषय समय के साथ जुड़ा हुआ है। आज बायोमेडिकल के क्षेत्र में तीव्र गति के साथ शोध कार्य करने की जरूरत है। अखिल भारतीय शिक्षा परिषद नई दिल्ली के मुख्य एजेंडा को इस विषय से हम दुनिया के अलग-अलग विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर विषय की महत्ता पर प्रकाश डालने का कार्य करेंगे जिसके कारण हमारे देश में बायोमेडिकल के क्षेत्र में कार्य करने में निरंतर गति प्रदान होगी। उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में प्रतिभागी अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर विषय की महत्ता पर प्रकाश डालेंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने जो पहल की है उससे विषय को अधिक से अधिक प्रभावी बनाने से समय के साथ हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी व निदेशक यूआईईटी प्रो. सीसी त्रिपाठी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और कार्यशाला की रूपरेखा को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यूआईईटी संस्थान अकेला हरियाणा का एकमात्र संस्थान है जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला को आयोजित कर रहा है जो सभी के लिए बड़े गौरव का विषय है।
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. निखिल मारीवाला ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में सांय के सत्र में डॉ. सेलिया शहनाज प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ ट्रिपलई ब्यूट बांग्लादेश द्वारा अस्सटीव ह्यूमनीट्रेन डिवाइसेज फॉर बायोमेडिकल एप्लीकेशंस विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगी। इनके साथ डॉ. अहमद एल्गर प्रोफेसर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर साइंस बेनी सेफ विश्वविद्यालय इजिप्ट जो अडॉप्टिंग न्यू टेक्नोलॉजीज कोविड-19 एज एन इफेक्टिव ऐसीरिलेशन ऑफ डिजिटल हेल्थ पर अपना वक्तव्य देंगे। डॉ. निखिल मारीवाला ने बताया कि स्प्रिंगर से काम्या खट्टर साइंटिफिक राइटिंग फॉर जनरल विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।