निट कुरूक्षेत्र में ‘सिमेंटिक इंटेलिजेंस : द वे फॉरवर्ड विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ विषय पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कुरुक्षेत्र :- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( निट ) कुरूक्षेत्र के कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग द्वारा वीरवार को ‘सिमेंटिक इंटेलिजेंस: द वे फॉरवर्ड विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ विषय पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ ऑनलाइन किया गया। पांच दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (एटीएएल) अकादमी द्वारा प्रायोजित है। निट कुरूक्षेत्र द्वारा संचालित सिमेंटिक इंटेलिजेंस को प्रचारित करने वाली श्रृंखला में यह तीसरा संकाय विकास कार्यक्रम है।
इस अवसर पर संकाय विकास कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सारिका जैन ने प्रतिभागियों को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के युग में चमत्कार कर रहा है। आज हमारे पास आईबीएम के वाटसन जैसे चैटबॉट हैं जो टीवी गेम शो जोपार्डी जैसे मानव चैंपियन पर विजयी हुए हैं। गेमिंग में, हमारे पास आईबीएम डीप ब्लू है जिसने विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव को हराया। उन्होंने बताया कि गुगल डीपमाइंड के अल्फ़ागो ने दुनिया के नंबर 1 गो खिलाड़ी चीनी ‘के जी’ पर जीत हासिल की। हमारे पास सिमेंटिक सर्च इंजन और स्पीच रिकग्निशन एप्लिकेशन हैं जैसे कि ऐप्पल का सिरी या अमेज़ॅन का एलेक्सा जो सवालों के जवाब देता है। लेकिन समस्या यह है कि आज की तारीख में हम जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ काम करते हैं वह आर्टिफिशियल नैरो इंटेलिजेंस या वीक एआई है और जिसका उद्देश्य कुछ विशिष्ट कार्यों में महारत हासिल करने के लिए मशीनें बनाना है। एएनआई मशीनें सामान्यीकरण में अच्छी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्कशॉप में हम देखेंगे कि हम आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस की राह पर कैसे आगे बढ़ सकते हैं।
कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि पांच दिनों तक चलने वाले इस संकाय विकास कार्यक्रम में देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से तथा अनुसंधान एवं विकास एवं उद्योग जगत से जाने-माने विख्यात विशेषज्ञ अपने अनुभव प्रतिभागियों के साथ सांझा करेंगे जिनमें आईआईआईटी दिल्ली के डॉ. वी. राघव मुथराजू, पूर्व अनुसंधान सलाहकार और टीसीएस के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. हिरणमय घोष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से डॉ. उमा शंकरी एस.एस., एनआईटी कुरूक्षेत्र के पूर्व प्रोफेसर डॉ. पी.जे. फिलिप, अडोब से डॉ. सुमित भाटिया, सिमेंटिक वेब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक और सीईओ डॉ. आशा सुब्रमण्यम, विप्रो एआई लैब्स के प्रमुख डेटा वैज्ञानिक अरिंदम चटर्जी तथा इंस्टीट्यूट डी इंफॉर्मेटिका, देहरादून के संस्थापक और सीईओ अनुज सक्सेना प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला से कुल मिलाकर 200 प्रतिभागी लाभान्वित होंगे। इसके अलावा प्राप्त ज्ञान को मान्य और प्रमाणित करने के लिए अंतिम दिन एक ऑनलाइन परीक्षा भी आयोजित की जाएंगी और उस परीक्षा में सफल प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र पत्र भी जारी किया जाएगा।

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