फिरोजपुर 09 जुलाई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा पांच दिवसीय श्री शिव कथा का आयोजन किया गया जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री सौम्या भारती जी ने बताया कि शिव महापुराण एक विलक्षण एवं दिव्यता से परिपूर्ण ग्रंथ है । शिव महापुराण की कथा मानव जाति को सुख समृद्धि एवं आनंद देने वाली है। क्योंकि भगवान शिव कल्याण एवं सुख के मूल स्रोत हैं। जो संपूर्ण विधाओं के ईश्वर समस्त भूतों के अधिश्वर ब्रह्मवेद के अधिपति तथा साक्षात परमात्मा है । जो समस्त जीवों को आत्म ज्ञान देकर ईश्वर से जुड़ने की कला सिखाते हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान भोलेनाथ की कथा में गोता लगाने से मानव को प्रभु की प्राप्ति होती है। लेकिन कथा सुनने एवं उसमें उतारने में अंतर होता है। सुना तो सहज है लेकिन इसमें उतरने की कला हमें केवल एक संत ही सिखा सकता है। हमारे समस्त वेद शास्त्र सत्संग की महिमा का व्याख्यान अनेकों प्रकार से करते हैं। एक घड़ी के सत्संग की तुलना स्वर्ग की समस्त संपदा से की गई है ।संत की कृपा से लकिनी के जीवन में आमूल चूल परिवर्तन हो गया । संत के चरणों का प्रताप ही ऐसा है कि अहिल्या ,शबरी, जैसे भक्त इसे प्राप्त कर सहज ही भवसागर से पार हो गए। संत के संग से ही मरुस्थल जीवन में बहार आ जाती है। नीरस जीवन सरस बन जाता है। विकारों से परिपूर्ण हृदय ईश्वरीय भक्ति से भर जाता है।
भगवान शिव भी सत्संग का महत्व मां पार्वती को बताते हुए कहते हैं। कि उसकी विद्या, धन, बल, भाग्य सब कुछ निरर्थक है। जिसे जीवन में संत की प्राप्ति नहीं हुई । परंतु वास्तव में सत्संग कहते किसे हैं सत्य और संग दो शब्दों के जोड से मिलकर बना यह शब्द हमें सत्य यानि परमात्मा और संग अर्थात मिलन की ओर इंगित करता है । परमात्मा से मिलन के लिए संत एक मध्यस्त है । इसलिए हमें जीवन में पूर्ण संत की खोज में अग्रसर होना चाहिए। जो हमारा मिलन परमात्मा से करवा दे ।
कथा में शहर के गणमान्य सज्जन उपस्थित थे। अन्य साध्वी बहनों ने सुमधुर भजनों के गायन से उपस्थित प्रभु प्रेमियों को आनंद विभोर किया । कथा का समापन विधिवत प्रभु की आरती से किया गया।