पुत्र के दीर्घायु होने के लिए व्रती महिलाओं ने ललही छठ के साथ शुरू की पूजा अर्चना
संवाददाता:-विकास तिवारी
आलापुर(अम्बेडकर नगर)||क्षेत्र में सभी व्रती महिलाओं ने ललही छठ पर अपने पुत्र के दीर्घायु होने की पूजा अर्चना किया ।सनातन धर्म में भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की हलष्ठी तिथि को ललही छठ मनाने की परंपरा है। इस बार भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की तिथि 28 अगस्त शनिवार को पड़ रही है। भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की हलष्ठी तिथि 27 अगस्त शुक्रवार को शाम 6:50 बजे लग रही है ।उदया तिथि को मानते हुए महिलाएं शनिवार को ललही छठ का व्रत व पूजन पूरे विधि विधान से शुरू की। ललही छठ व्रत पूजन विधि महिलाएं हलष्ठी का व्रत संतान के लंबी आयु की प्राप्ति के लिए रखती हैं, इस दिन व्रत के दौरान कोई अन्न नहीं खाया जाता ।महुआ की दातुन कर हलष्ठी व्रत में हल से जुती हुई अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता ।इस व्रत में वही चीजें खाई जाती जो तालाब में पैदा होती हैं जैसे तिन्नी का चावल, करमुआ का साग ,पसही का चावल आदि। इस व्रत में दूध और इससे बने उत्पाद जैसे दही ,गोबर का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता। हलष्ठी व्रत में भैंस का दूध ,दही और घी के प्रयोग की परंपरा है। ब्रती महिलाएं सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर पुत्र की दीर्घायु का संकल्प लेती हैं और नए वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर जाती है। इसी दिन को श्री कृष्ण के भ्राता बलदाऊ का जन्मदिन भी मनाया जाता है। ग्रामीण इलाकों में भी बड़े धूम धाम से महिलाओं द्वारा पुत्र दीर्घायु के लिए ललही छठ पर्व मनाई गई।