बिहार:परिवार व समाज की सुरक्षा के लिये लोग दे रहे हैं जांच व टीकाकरण को प्राथमिकता

परिवार व समाज की सुरक्षा के लिये लोग दे रहे हैं जांच व टीकाकरण को प्राथमिकता

-लोग परिवार के लिये ही सब कुछ करते हैं, उसकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कोई नहीं कर सकता

-देश में 100 करोड़ से ज्यादा लोग टीका ले चुके हैं तब बाकी लोगों को टीका लेने में संकोच कैसा

अररिया संवाददाता

महामारी के खतरों से हम आपसी सूझबूझ व समझदारी से ही निपट सकते हैं। इसके लिये हम सब को एक साथ आगे आना होगा। लोग आ भी रहे हैं। तभी तो परिवार के साथ दीपावली व छठ की खुशियां मनाने घर लौटने वाले लोगों को भी अपने परिजन की चिंता है। ट्रेन से उतरते ही लोग कोरोना जांच व टीकाकरण को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे ही लोगों में अमित सादा, मुजाहिद, रामानंद मंडल सहित कई अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। दिल्ली से लौटे युवकों की यह टोली जब अररिया रेलवे स्टेशन पर उतरी तो समूह के सदस्य इधर-उधर कुछ झांकते मिले। बगल में ही उजली जर्सी पहनी कुछ बहनों पर उनकी नजर पड़ी। वहां कुछ पोस्टर टंगे दिखे। भांपते देर न हुई कि जरूर स्वास्थ्य विभाग के लोग हैं। कुछ लोग पहले से भी वहां कतारबद्ध थे। बिना देर किये समूह के सभी सदस्य कतार में खड़े थे। कतार कोरोना जांच के लिये लगी थी। जहां टीकाकरण का भी इंतजाम था। बारी-बारी से उन्होंने अपनी जांच करायी। एएनएम दीदी के पूछे बगैर एक साथ तीनों ने कहा टीका भी नहीं लिया है।

टीका लगाकर हटा मन का बोझ :

मुस्कुराती हुई दीदी, बैठने के लिये बोली, कुर्सी पर वहीं तीनों बैठ गये। बारी-बारी से तीनों ने टीका लगाया। थोड़ी देर बाद गहरी सांस लेते हुए तीनों उठे। एक ने कहा चलो मन से बड़ा बोझ हटा। संक्रमण से अब हम भी सुरक्षित हैं। किसी को कहते नहीं बनता था कि हम अभी तक टीका नहीं लिये हैं। परिवार वाले भी सुनेंगे तो बेहद खुश होंगे। घर के बच्चे भी कब से टीका लेने की जिद कर रहे थे। पूछने पर उन्होंने अपना नाम रामानंद बताया। रामानंद व उनके साथियों ने बताया कि वे सभी पलासी प्रखंड अंतर्गत फुलसारा वार्ड संख्या 05 के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि अपने इलाके में जब खेती का काम खत्म हो जाता है। तब वो अपने अन्य साथियों के साथ परदेश कमाने चले जाते हैं। कुछ महीने में अच्छी आमदनी हो जाती है। फिर घर लौटने पर यहां भी काम मिल जाता है। दीपावली व छठ मनाने आठ महीने बाद घर लौटे हैं। धान भी कटने के लिये तैयार है। त्यौहार के बाद काम भी यहां मिल जायेगा। लंबा वक्त परिवार के साथ भी गुजर जायेगा।

परिवार के लोग बहुत पहले ले चुके हैं टीका :

पूछने पर बताया कि परिवार में बुजुर्ग मां-बाप, चाचा-चाची के साथ पत्नी और पांच साल की एक बेटी है। सभी ने कई महीने पहिले ही टीका लगाया लिया है। चूकि हम शहर से दूर किसी साइट पर काम कर रहे होते थे तो परदेश में हमें टीका लगाने का मौका ही नहीं मिला। तमन्ना थी कि जहां टीका लेने का इंतजाम दिखेगा वहीं ले लेंगे। परिवार के लोग तो कब से इसके लिये जिद कर रहे थे। अखबार में स्टेशन पर जांच व टीकाकरण के बारे में पढ़ रखा था। इसलिये ट्रेन से उतरने के साथ पहले अपनी जांच करायी। ताकि मेरी वजह से परिवार को कोई खतरा न हो। वहीं टीका भी लगा लिया। अब राहत मन से अपने घर जा रहे हैं। जम कर दीपावली मनायेंगे।

हमें भी निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी :

सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता कहते हैं महामारी को जड़ से खत्म करने के लिये स्वास्थ्य विभाग सहित पूरा प्रशासनिक महकमा लगतार प्रयास कर रहा है। जांच व टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिये तरह-तरह के प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि किसी को फिर से इसकी मार न झेलनी पड़े। आम जनमानस को भी अपने परिवार व समाज की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार होना होगा। जांच व टीकाकरण को प्राथमिकता देनी होगी। जो इस संकट का स्थायी समाधान है।

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