रुडकी
नसीम की रिपोर्ट
बसपा के पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद बोले उत्तराखंड मैं बसपा नई रणनीति के तहत फिर लेहरायगी अपना परचम
उत्तराखंड प्रदेश में एक समय था जब बहुजन समाज पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में स्थापित हुई थी बहुजन समाज पार्टी को जनपद हरिद्वार ही नहीं पूरे प्रदेश में जन समर्थन हासिल हो रहा था यही कारण था कि उस वक्त उत्तराखंड में कई विधायक बसपा पार्टी से ही जीत कर विधानसभा पहुंचे थे
लेकिन उसके बाद बसपा का उत्तराखंड में जनाधार घटता गया जिसका कारण यह भी माना जाता रहा कि पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को बसपा से निष्कासित करना क्योंकि मोहम्मद शहजाद जिस समाज से आते हैं उस समाज में पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद की मजबूत पकड़ देखी गई है मोहम्मद शहजाद की बसपा से निष्कासित होने के बाद तेली समाज का मोह भी मानो बसपा से भंग होता गया
और मोहम्मद शहजाद की वापसी से फिर एक बार तेली समाज भी बहुजन समाज पार्टी से इश्क फरमाता नजर आ रहा है
वहीं मंगलोर विधानसभा सीट से सरवत करीम अंसारी अंसारी समाज के साथ और समाज मे भी बेहतरीन पकड़ रखते हैं वह अलग बात है कि इस बार सरवत करीम अंसारी मंगलौर विधानसभा से जीत हासिल करने में सफल नहीं हो पाए
लेकिन इस बार मंगलोर की जनता के बीच जाकर और मंगलोर की जनता की मोहब्बत को देख कर लगता है कि इस बार सरवत करीम अंसारी मंगलोर विधानसभा सीट से बहुमत से जीत हासिल करेंगे
झबरेड़ा से पूर्व विधायक हरिदास भी झबरेड़ा विधानसभा की जनता में अपनी बेहतरीन पकड़ रखते हैं
इस बार बसपा जिस रणनीति के तहत जैसे कि विधायक मोहम्मद शहजाद चौधरी राजेंद्र सरवत करीम अंसारी पूर्व विधायक हरिदास और चौधरी रविंदर इरशाद अंसारी ज्वालापुर से मदन लाल और उच्च स्तर के नेताओं के साथ उत्तराखंड में बसपा का वही पुराना जनाधार वापस लाने का काम कर रही है
उसे देखकर लगता है कि इस बार जिला पंचायत के चुनाव के साथ-साथ 2022 के चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी उत्तराखंड में अपना परचम लहराने का काम करेगी