उत्तराखंड: पिथौरागढ़ के इस गांव को आज भी सड़क का इंतजार,यहाँ के विधायक रहे चुके हैं पूर्व सीएम

उत्तराखंड: पिथौरागढ़ के इस गांव को आज भी सड़क का इंतजार,यहाँ के विधायक रहे चुके हैं पूर्व सीएम,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

पिथौरागढ़। तेजम तहसील की बांसबगड़ घाटी आज भी आदम युग में जी रही है। क्षेत्र के विधायक के मुख्यमंत्री रहने तथा वर्तमान में डबल इंजन की सरकार के बाद भी इस घाटी के अच्छे दिन नहीं आए हैं। घाटी के पोथी गांव में किसी के बीमार पडऩे पर दस किमी दूर सड़क तक पहुंचने के लिए डोली एंबुलेंस का कार्य करती है।
बांसबगड़ घाटी का कोटा, पंद्रहपाला क्षेत्र न तो आज तक संचार सुविधा से जुड़ा और ना ही स्वास्थ्य सेवा से जुड़ा है। कोटा, पंद्रहपाला तक सड़क पहुंची है। प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत बनी सड़क मानसून काल में बंद हो जाती है। साल के अंतिम माह तक बंद ही रहती है। इसी घाटी का एक गांव है पोथी जहां आज तक सड़क नहीं पहुंच सकी है। सड़क, संचार, चिकित्सा सेवा से वंचित पचास परिवारों वाले इस गांव के ग्रामीण आज भी अपने हाल में जी रहे हैं।

इस क्षेत्र के विधायक हरीश रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं । इसके बाद भी ग्रामीणों की मांग अनसुनी रही । वर्तमान में डबल इंजन की सरकार है परंतु पोथी गांव की परेशानी दूर नहीं हो रही है। गांव के ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने बदतर हालात में जीना सीख लिया है परंतु जब गांव में कोई बीमार पड़ता है तो विकट समस्या पैदा हो जाती है। गांव से दस किमी दूर सड़क तक रोगी को डोली से पहुंचाना पड़ता है। पैदल मार्ग बेहद खतरनाक है।  ग्रामीणों का कहना है कि सरकारों के आश्वासन बहुत सुन चुके हैं अब अगले वर्ष होने वाले विस चुनाव में गांव मतदान का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय ले चुका है।
खेत भराड़ के ग्राम प्रधान भागीरथी देवी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों सहित दलों के नेताओं से दर्जनों बार सड़क के लिए अनुरोध किया जा चुका है। आश्वासन तो सभी देते हैं परंतु सड़क का निर्माण नहीं हुआ। जिसे लेकर अब ग्रामीणों ने 2022 के विधान सभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय ले लिया है। यह निर्णय गांव के लिए सड़क कटने की दिशा में ही निरस्त किया जा सकता है।

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