उत्तराखंड: पूर्व भाजपा नेता रवींद्र जुगरान का छलका दर्द,
पार्टी को किया बाय बाय,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
छलका रविंद्र जुगरान का दर्द!
रविंद्र जुगरान उत्तराखंड राज्य में एक क्रांतिकारी विचारधारा एवं अपनी ईमानदार छवि के लिए ख्यातिवध व्यक्तित्व हैl जब हमने रविंद्र से उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में एक साक्षात्कार चाहा तो रविंद्र जुगरान का दर्द झलक पड़ा l जब हमने रविंद्र जुगरान से कुछ राजनीतिक भविष्य के प्रश्न किए तो उन्होंने संतोषजनक जवाब दिए|
हमारे प्रश्न निम्न थे:-
प्रश्न:जुगरान जी पहाड़ के इस बेटे ने क्यों दिल्ली वाले दलों और प्रवासी पार्टी का दामन थाम लिया क्या हम यह समझे कि पहाड़ के लाल का पहाड़ से मोहभंग हो गया है?
उत्तर:इस विषय पर उन्होंने बहुत ही विनम्रता से इसका जवाब दिया कि मैं कहना चाहूँगा कि यह दल थामने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि मैं 23 वर्षों से बीजेपी में था और पिछले विगत दशकों से मै पार्टी में था| लेकिन मैं जितने भी राज्य के सरोकार , राज्य के हित, राज्यों के मूल अवधारणा समेत तमाम जितने भी विषय रहे हो चाहे उत्तराखंड का मुज़फ़्फरनगर कांड हो उन सभी विषयों पर मैं सदैव संघर्ष कर रहा था! मुझ को कहीं भी ना भारतीय जनता पार्टी से ना सरकार से ना विपक्ष से क्या कहूं कभी भी डूबते हुए को तिनके का सहारा भी नहीं मिला l नेतृत्व ने कभी भी राज्य हित के विषयों एवं मेरे संघर्ष पर ना मुझे प्रोत्साहित किया ना मेरा मनोबल बढ़ाया कि मुझे इसके उलट हतोत्साहित करते रहे l मेरे कामों को जो राज्य हित में थे नौजवानों बेरोजगारों राज्य की मूल अवधारणा से जुड़े हुए विषय उन सभी विषयों पर मनोबल तोड़ने हतोत्साहित कियाl
प्रश्न: जब हमने उनसे यह प्रश्न किया कि आपका आम आदमी पार्टी में जाने का विजन क्या है? क्या आप कर्ज के बोझ झेल रहे राज्य को बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ फ्री में बांट कर राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ाएंगे ?
उत्तर:इस विषय पर रविंद्र जुगरान ने कहा कि जनता को सब्सिडी दी जाती है बिजली पानी एवं मूलभूत सुविधाओं से न्यूनतम दर पर प्रदान की जाती है यह सरकारों की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है कि सरकार अपने बजट का ईमानदारी से किस प्रकार उपयोग करती हैl क्योंकि पैसा विकास के कार्यों के लिए चाहिए जैसे सड़क स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के लिए व्यवस्थाएं चलाने के लिए व्यवस्था चलाने के लिए ईमानदारी विजन एवं नियत की आवश्यकता होती है पैसों की नहीं सरकार एक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा है lसरकार का कर्तव्य है कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का जीवन स्तर उठाए मुझे यह लगता है कि इस पार्टी( आम आदमी पार्टी) के माध्यम से ही हम बेहतर कार्य कर सकते हैंl
प्रश्न:क्या रविंद्र जुगरान आम आदमी पार्टी की महत्वकांक्षाओं पर खरे उतर पाएंगे?
उत्तर:इस विषय पर रविंद्र जुगरान ने कहा कि मुझे उत्तराखंड की आशाओं एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरना हैl यदि मैं उत्तराखंड की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतर पाता हूं तो मैं समझूंगा कि मैं पार्टी की आकांक्षा और आशाओं पर भी खड़ा उतर गया हूं lमेरे लिए दल बाद में है सर्वप्रथम राज्य सर्वोपरि हैl
प्रश्न: रविंद्र जुगरान आप आंदोलनकारी एवं क्रांतिकारी व्यक्तित्व है क्या आपको यह नहीं लगता है कि यदि आप क्षेत्रीय दलों का झंडा उठाते तो जनता का आपको एक बड़ा समर्थन मिलता?
उत्तर: इस विषय पर रविंद्र ने कहा कि आप किस दल की बात कर रहे हैंl जब हमने यूकेडी की बात की तो रविंद्र जुगरान ने कहा उत्तराखंड के राज्य निर्माण में यूकेडी की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता मैं यूकेडी का सम्मान करता हूंl एवं इसके सदस्यों का भी सम्मान करता हूंl परंतु वर्तमान विधानसभा में उक्रांद का कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं है मेरी पूरी सहानुभूति एवं सम्मान दल के प्रति हैl
प्रश्न: क्या आपको ऐसा लगता है कि उत्तराखंड में क्षेत्रीय दल अपना जनाधार खो रहे हैं?
उत्तर: इस विषय जुगरान ने कहा कि इस विषय पर मैं सार्वजनिक टिप्पणी करना उचित नहीं समझता हूँ|
प्रश्न: क्या रविंद्र जुगरान के संदर्भ में हम यह कहें कि राज्य हित पर महत्वाकांक्षा हावी रही,क्योंकि जनता के ऐसे आरोप है ?
उत्तर:इस विषय पर रविंद्र जुगरान ने कहा कि,भारतीय जनता पार्टी में मुझे 23 साल हो गए थेl यदि मै महत्वकांशी होता तो मै पार्टी में ही रहकर पार्टी के साथ समझौते कर लेताl परंतु मैं मुज़फ़्फरनगर कांड सहित जनहित मुद्दों के लिए सुप्रीम कोर्ट,हाई कोर्ट गया हूं एवं राज्य हित के विषयों पर मैं पार्टी के विपक्ष में भी खड़ा रहाl महत्वाकांक्षी व्यक्ति पार्टी की राह पर चलता हैl एवं महत्वाकांक्षी व्यक्ति सिर्फ पार्टी के प्रति यश मेन होता हैl जी हुजूरी करता है वह कभी भी पार्टी नेतृत्व के समक्ष मुंह नहीं खोलता है l क्या आपको मेरी कार्यशैली मेरे आचार विचार में ऐसे भाव लगते हैं l इस विषय पर अधिक बोलकर मैं अपना मुंह मियाँ मिट्ठू बनना पसंद नहीं करुंगाl
प्रश्न: उत्तराखंड के युवा आपको एक रोल मॉडल मानते हैं तो क्या राज्य हित के मुद्दों पर रविंद्र जुगरान की लड़ाई अभी भी जारी रहेगी या सिर्फ दिल्ली के आदेशों का पालन करेंगे?
उत्तर:आम आदमी पार्टी जॉइन करने के बाद मैंने दो पीआईएल डाली पहली एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुल पति के मनोनयन के संदर्भ में राज्य सरकार अशासकीय महाविद्यालयों को लगातार परेशान कर रही कर रही है उनके शिक्षकों को कर्मचारियों को विद्यार्थियों का नुकसान कर रही हैlमेरी प्रतिबद्धता जो युवा मुझे अपने रोल मॉडल मानते हैं मैं उनकी आशा आपसे आकांक्षाओं के साथ उनके मन मस्तिष्क में बना रहा हूं मेरा कोई भी प्रयास ऐसा नहीं होगा मैं जो भी कर रहा था उससे बेहतर करूं उससे कम ना करूं | मेरी महत्वाकांक्षा वर्तमान में कितनी है कि मैं अपने सारे प्रयास प्रयत्न करते हुए इस मंच पर में आया हूं व्यक्तिगत एवं पार्टी के तौर पर भी उत्तराखंड को आप से बेहतर स्थिति में राजद आदर्श राज्य की अवधारणा को साकार करो कि मैं समझूंगा कि मुझे कुछ मिल गया|
प्रश्न: रविंद्र जुगरान की छवि उत्तराखंड में एक ईमानदार व्यक्तित्व एवं जुझारू व्यक्तित्व की है तो क्यों नहीं आप आदमी पार्टी आपको प्रदेश में मुख्यमंत्री आपको प्रदेश में मुख्यमंत्री आदमी पार्टी आपको प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें?
उत्तर:
राजनीति में आए हुए प्रत्येक व्यक्ति की निहित महत्वाकांक्षा होती है lकिसी की महत्वाकांक्षा होती है तो किसी की अति महत्वाकांक्षाl वर्तमान में मेरी महत्वाकांक्षा इतनी है कि मैं अपने सारे प्रयास प्रयत्न करते हुए इस मंच पर में आया हूं व्यक्तिगत तौर पर भी और पार्टी के तौर पर भी उत्तराखंड को आज से बेहतर स्थिति में एवं आदर्श राज्य की तरफ ले चलूं एवं राज्य की मूल अवधारणा को साकार करूं तो मैं यह समझूंगा कि मुझे सब कुछ मिल गयाl
प्रश्न:क्या आप मुख्यमंत्री बनना चाहते है?
उत्तर:मुख्यमंत्री बनने के सवाल परजुगरान ने कहा कि अभी तो आगाज हुआ है अगर हमारे कार्य अच्छे होंगे हमारे लोकप्रियता अच्छी होगी हम सामान्य से अच्छा बैठा पाएंगे हम सामंजस्य अच्छा बैठा पाएंगे ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त हुआ कौन सी ऐसी परिस्थितियां हैं जो ऐसा नहीं होने देंगे|
आगामी राजनीतिक भविष्य के लिए शुभकामनाएं!