उत्तराखंड:-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेद सरकार को बचाने के लिए केंद्र ने जारी की कुंभ की एसओपी,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कुंभ के आयोजन को लेकर जारी एसओपी त्रिवेंद्र सरकार को बचाने की कोशिश है। कोरोना का बहाना बनाकर केवल रंग रोगन से शहर को चमकाने कर करम किया गया है। कुंभ कार्यों की जांच होनी चाहिए। अब सब कुछ सामान्य होने लगा है तो मुख्यमंत्री धीरे-धीरे जाग रहे हैं। कुंभ आयोजन की एसओपी के नाम पर देश के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बुधवार को धर्मनगरी पहुंचे। यहां उन्होंने हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर गंगा स्नान किया। हरीश रावत ने सरकार पर आस्था के महापर्व कुंभ की उपेक्षा का आरोप लगाया। वहीं सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए गंगा पूजन भी किया। हरीश रावत ने कहा कि मोदी और त्रिवेंद्र सरकार श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। अस्थाई कामों की आड़ में धन बनाया जा रहा हैं,
त्रिवेंद्र सरकार यह मानकर चल रही थी कि कोरोना महामारी के बीच कुंभ का आयोजन नहीं होगा, लेकिन जब हालात सामान्य हुए तो सरकार की उम्मीदों पर पानी फिर गया। कहा कि अगर सरकार कुंभ के सफल आयोजन में नाकाम रही तो लोग पीछे दौड़ेंगे। उन्होंने एसओपी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार, असम, हैदराबाद और बंगाल के चुनावों को लेकर एसओपी क्यों जारी नहीं की गई। एसओपी केवल सरकार की विफलता को छिपाने का एक जरिया भर है।
मेरा काम अपनी बात रखना, समर्थन करना संतों का अधिकार : रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने गंगा स्नान के बाद अखाड़ों में जाकर प्रमुख संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। संतों से मुलाकात के बाद उन्होंने संतों के समक्ष कुंभ की उपेक्षा को लेकर अपनी बात भी रखी। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी बात का समर्थन करना या न करना संतों का अपना निजी अधिकार है। हरीश रावत सबसे पहले श्री पंचायती जूना अखाड़ा पहुंचे। इसके बाद पूर्व सीएम ने माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। यहां से वे पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मनसा देवी मंदिर अध्यक्ष श्रीमंहत रविंद्रपुरी से मिले। यहां श्रीमंहत रविंद्र पुरी से उनकी अधिक बातचीत नहीं हुई।
उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी का आशीर्वाद भी लिया। उन्होंने उनसे कुंभ कार्यों को लेकर चर्चा भी की। रावत ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि को भगवा अंग वस्त्र भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस बीच हरीश रावत ने बैरागी कैंप में करीब आधे घंटे तक पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानंद से वार्ता की। उन्होंने महानिर्वाणी अखाड़ा श्री महंत रविंद्र पुरी और पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के कोठारी महंत दमोदर दास, श्रीमंहत महेश्वर दास और मंहत कमल दास से भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
मदन जी कभी हमारी भी माला पहना करो’
महानिर्वाणी अखाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक आमने सामने आ गए। मदन कौशिक पहले से ही अखाड़ा में बैठे हुए थे। जैसे ही मदन कौशिक ने हरीश रावत को देखा तो वे उठकर उनके पास चले आए। मदन कौशिक ने अचानक हरीश रावत के गले में फूलों की माला डाल दी। एक बार को पूर्व मुख्यमंत्री भी हैरान रह गए, लेकिन अचानक उन्होंने एक माला शहरी विकास मंत्री के गले में डाल दी, लेकिन यहां भी वे कैबिनेट मंत्री की चुटकी लेना नहीं भूले। हरीश रावत ने कहा कि मदन जी कभी हमारी भी माला पहना करो।
मुझ पर लगा कांग्रेसी होने का आरोप
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने हरीश रावत से बातचीत के दौरान कहा कि वे जब भी कुंभ की व्यवस्थाओें और कार्यों को लेकर कुछ कहते हैं तो उनपर कांग्रेसी होने का आरोप लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि उनपर कांग्रेस की ऐसी मुहर लगी है जो छूटे नहीं छूट रही है।