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*अररिया कॉलेज अररिया मैं मनाया गया स्थापना दिवस समारोह
अररिया
रविवार को अररिया कॉलेज अररिया में महाविद्यालय के 49 वीं वर्षगांठ पर एक संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया । परिचर्चा का शुभारंभ करते हुए प्रधानाचार्य डॉ अशोक पाठक ने सर्वप्रथम महाविद्यालय की परिकल्पना को साकार करने वाले मनीषी तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी रामतवक्या शर्मा, संयोजक तत्कालीन सांसद अररिया गांधी मोहम्मद हलीमुद्दीन, सीमांचल गांधी से सुशोभित तसलीमुद्दीन साहब, श्रीदेव झा, श्री रतन लाल गोयल, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि श्री दिनेश झा, संस्थापक प्राचार्य डॉ. गंगानाथ झा, श्री मोहम्मद यासीन सहित महाविद्यालय निर्माण से किसी न किसी प्रकार से सहयोग प्रदान करने वाले अररिया के नागरिकों का अभिनंदन किया। डॉ अशोक पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि अररिया के सभी सुधी- नागरिकों ने इस महाविद्यालय की नींव रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में इस पिछड़े क्षेत्र को जिस ऊंचाई की ओर ले जाने की कल्पना की थी ,वह आज साकार होता दिख रहा है एक ओर जहां उच्च- विद्यालय अररिया के दो कमरों में आरंभ हुआ, आज 15 एकड़ के विशाल परिसर, सुंदर एवं विशाल वर्ग कक्ष विज्ञान भवन, परीक्षा भवन, गर्ल्स कामन रूम ,हरियाली पार्क, भव्य खेल स्टेडियम से परिपूर्ण है। वहीं सात शिक्षकों एवं एक चतुर्थवर्गीय कर्मी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू हुए महाविद्यालय में आज स्नातक के तीनों संकाय में प्रतिष्ठा, स्नातकोत्तर के 14 विषयों में पढ़ाई हो रही है ।एक समय था जब महाविद्यालय में 45 शिक्षक एवं 49 शिक्षकेतर कर्मी इस महाविद्यालय की शिक्षण एवं विकास में अपनी भूमिका निभाते थे, परंतु आज उनकी संख्या घटकर मात्र 20 से 25 रह गई है इस स्थिति में महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मी जिस तन्मयता से अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं वह प्रशंसनीय है। प्रधानाचार्य ने स्वर्गीय डॉ. अशोक झा का विशेष आभार जताया जिन्होंने अपनी सेवा अवधि में कॉलेज के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अब्दुस सलाम ने महाविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाविद्यालय निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है यहां एक ओर जहां रेगुलर कोर्स में छात्र छात्राएं अपनी शिक्षा की ललक को पूर्ण करते हैं, वही इस क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पुरुष एवं महिला इग्नू एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ मोहम्मद शफीक ने महाविद्यालय में संचालित हो रहे एनएसएस एवं सेहत केंद्र की भूमिका एवं उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमों का निरंतर एवं नियमित रूप से संचालन तथा सेहत केंद्र की गतिविधियों ने महाविद्यालय की एक नई पहचान प्रदान की है। सब के सहयोग का ही परिणाम है कि राष्ट्रीय सेवा योजना का विशेष शिविर एवं स्वैच्छिक रक्तदान शिविर इत्यादि का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होता रहा है। राजनीतिशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. नोमान हैदर ने कहा कि संस्थापक महापुरुषों ने शिक्षा के जिस बीच का बरसों पहले रोपण किया आज उसकी फसल पुष्पित एवं पल्लवित हो रही है और हम सभी कॉलेज कर्मियों एवं छात्र छात्राओं का परम कर्तव्य और उत्तरदायित्व है कि हम कॉलेज के निरंतर विकास में अपना सहयोग प्रदान करें। इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. बृजकिशोर ने कहा कि महाविद्यालय के पास एक भव्य स्टेडियम है जिसका प्रशासन के द्वारा नित्य रखरखाव किया जाता है और संभवतः पूरे सीमांचल में एक भव्य स्टेडियम के रूप में यह स्थापित है। निरंतर खेल गतिविधियां, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम का निरंतर संपादन, प्राक प्रशिक्षण केंद्र से निकल रहे सफल अभ्यर्थी इत्यादि हमारी उपलब्धियां रही हैं। उर्दू विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ तंजील अतहर ने अपने संबोधन में कहा कि अररिया कॉलेज सीमांचल क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण विरासत है। इस धरोहर के सौंदर्य को कायम रखना हम सभी की जिम्मेदारी है । भूगोल विभाग के शिक्षक डॉ. मोहिदूररहमान ने कहा कि शिक्षा की ज्योति और अलख जगाने वाले सभी महापुरुष सीमांचल के इतिहास में अमर माने जाएंगे जिन्होंने अपनी तपस्या और अपने धन ,बल और अथक प्रयत्न से अररिया में प्रथम कॉलेज की स्थापना की अंत में महाविद्यालय के सबसे पुराने और वरिष्ठ कर्मी तथा प्रधान सहायक श्री शिवकुमार झा ने महाविद्यालय के उत्तरोत्तर विकास का चित्रण किया। श्री झा ने कहा कि अररिया के महान विभूति फणीश्वर नाथ रेणु के परती-पलार पर निर्मित यह महाविद्यालय आज हरित एवं पुष्पित- पल्लवित हो रहा है। जिस समय महाविद्यालय अपने वर्तमान अस्तित्व में आया था उस समय यहां बालू ही बालू नजर आता था परंतु आज यह परिषर दर्शनीय है । सभा में डॉ. पूजा अग्रवाल, डॉ. मोहम्मद महमूद आलम, सोनी कुमारी, कामिनी देवी, जयकिशुन मंडल, आलोक आनन्द, मोहम्मद नय्यर आलम तथा छात्र-छात्राओं में कन्हैया मिश्रा, सुरभि कुमारी, अजित रंजन, जुनैद, फ़ैज़ अख्तर, राजीव पोद्दार, अनुभव गुप्ता, पीयूष कुमार, मोहम्मद मुवाससीर आलम, राजीव इत्यादि उपस्थित थे।