हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मानसिक शांति एवं अनेक रोगों के निवारण में सक्षम ही ऋषि मुनियों की प्राचीन पद्धति योग : एकता डांग।
अंबाला :- बढ़ती सर्दी, ठंडी हवाएं ही केवल सर्दी जुकाम होने का कारण नहीं है अपितु प्रदूषण धुआं, धूल मिट्टी से एलर्जी,स्थान बदलना व जरा सा मौसम मे बदलाव भी नजला जुकाम का कारण हो सकता है। उपरोक्त जानकारी योग की महामंडलेश्वर एकता डांग जी जो असाध्य रोगों के निवारण, ध्यानकेंद , मानसिक शांति हेतु योग द्वारा समस्या के समाधान के लिए बजाय कि हम डॉक्टर की ओर रुख करें हमें जड़ से इस खांसी ,जुकाम ,नजला से छुटकारा पाने के लिए अपनी इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करना होगा बताया। जिसके लिए यहाँ आपको योग जगत की जानेमानी योगिक क्रिया कपालभाति के चार विभिन्न क्रियाओं से अवगत कराया जा रहा है आइए बढ़ते हैं इस
क्रिया की विधि
के प्रथम चरण की ओर
आंखें बंद कर कमर व गर्दन को सीधा रख ज्ञान मुद्रा में बैठकर सांसों को निरंतर छोड़ते जाइए । शुरुआत में आप लगातार सौ बार करे (प्रश्वास) बाद में धीरे-धीरे इसकी समय अवधि 300 बार तक कर दे।
दूसरे चरण में राइट ( दांय) हाथ के अगूंठे से राइट नॉस्ट्रिल (स्वर) को बंद कर के लेफ्ट (बाय) नॉस्ट्रिल से लगातार सांसों को बाहर निकालते जाएं। समय अवधि 50 बार।
तीसरे चरण में अपने राइट (दाएं) हाथ की तीसरी उंगली से बांय स्वर (लेफ्ट नॉस्ट्रिल) बंद कर दे और राइट से सांसों को बाहर करते जाए। समय अवधि 50 बार।
अब चौथे चरण में हमारे दोनों नॉस्ट्रिलस को राइट हैंड का अंगूठा और तीसरी उंगली हैंडल करेंगे।
अब आप कभी लेफ्ट तो कभी राइट नासिका बंद करके एक बार राइट साइड से और एक बार लेफ्ट साइड से सांसों को निरंतर छोड़ते जाएंगे। शुरुआत में 50 बार करें लेकिन इन चारों क्रियाओं का अच्छा अभ्यास होने के बाद गति और समय को बढ़ाते जाए। कपालभाती एक यौगिक क्रिया है, प्राणायाम नहीं। इसे नित्य प्रति करने से सर्दी के बचाव के साथ-साथ एक ओर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और दूसरी ओर पेट से संबंधित सभी रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। आइए डालते हैं एक नजर इन घरेलू नुस्खों पर भी।
अगर आपका राइट नॉस्ट्रिल ब्लॉक्ड है तो लेफ्ट करवट लेकर लेटे, अगर लेफ्ट ब्लॉकड है तो राइट साइड लेटे। जल्द ब्लॉकेज खुलने में राहत मिलेगी।
दिन की शुरुआत गुनगुने पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर पीने से करें।
रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन उबालकर खौलते हुए पानी से सिर – मुंह को तौलिए से ढक कर स्टीम ले।
सुबह तवे पर तीन लौंग गर्म करके उसको सूंघना अर्थात भाप ले
दिन में एक बार अदरक और तुलसी को उबाल पानी अवश्य पीएं इसमें चाहे तो स्वाद के लिए गुड़ के रंग की शक्कर का प्रयोग करें लेकिन चीनी का नहीं ।