कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर निःशुल्क कैंप का आयोजन।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर निःशुल्क कैंप का आयोजन।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कुरुक्षेत्र, 7 अप्रैल :- विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र के मेडिकल ऑफिसर, गैपियो सदस्य, एवं आरएसएसडीआई मेंबर, डॉ. आशीष अनेजा द्वारा निःशुल्क कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के सारे उद्देश्य विश्व स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से जुड़े हुए हैं तथा इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है, इसके अतिरिक्त विश्व भर में इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में एक समान स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रति जागरूकता फैलाना, स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े सभी मिथकों को दूर करना है।
डॉक्टर अनेजा ने बताया कि इस बार सारी दुनिया कोविड-19 की गंभीर समस्या से जूझ रही है, जिसका वायरस लगभग 3 मिलियन लोगों तक पहुंच चुका है। डब्ल्यूएचओ विश्व स्वास्थ्य संगठन के थीम-2021 के अनुसार ’एक स्वस्थ, स्वस्थ विश्व का निर्माण’ के द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को जागरूक करना इस बार महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से हमारे जीवन में व्यापक बदलाव आए हैं, इससे न केवल हमारे निजी जीवन पर बल्कि हमारे रिश्तों पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। डॉ अनेजा ने बताया कि कोरोना के लक्षणों में मुख्य रूप से बुखार सूखी खांसी के अलावा सिर दर्द, गले में खराश और डायरिया जैसी कुछ समस्याएं देखने को मिलती हैं, इसके कई बार मरीज के मुंह का स्वाद भी खराब हो जाता है ऐसा कोई भी लक्षण नजर आने पर सावधान होने की आवश्यकता है।
डॉक्टर अनेजा की माने तो कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहना चाहिए इसके लिए साबुन या पानी का इस्तेमाल करें, इसके अलावा एक एल्कोहल बेस्ड सेनीटाइजर का इस्तेमाल करें तथा इसे अपने हाथों पर अच्छे से लगाएं ऐसा करने से पर हाथ पर वायरस समाप्त हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को जागरूक करते हुए यह भी हिदायत दी कि उन्हें अपनी आंखों को छूने से, नाक और मुंह पर हाथ लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि हम अपने हाथों से शरीर के कई हिस्से को छूते हैं जिससे वायरस हमारे हाथ पर चिपक जाते हैं और नाक-आंख व मुंह के जरिए वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। अंत में डॉ. अनेजा ने एक जिम्मेदार डॉक्टर की भूमिका निभाते हुए बताया कि मुख्य रूप से ऑफिस व ज्यादा देर तक काम करने वाले स्थानों पर इंफेक्शन बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ और पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी की कुछ बेसिक गाइडलाइंस को फॉलो करके यदि ऑफिस और काम करने की जगह को सुरक्षित किया जाए तो कोरोना के साथ-साथ अन्य इंफेक्शन से भी खुद को बचाया जा सकता है।

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