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फिर गरजा बीडीए का बुल्डोजर, दो अवैध कॉलोनियों पर हुई कार्रवाई

फिर गरजा बीडीए का बुल्डोजर, दो अवैध कॉलोनियों पर हुई कार्रवाई

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा इज्जतनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध रूप से विकसित की जा रही दो कॉलोनियों के विरुद्ध मंगलवार को कार्रवाई की गई।
प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के अंतर्गत इन कॉलोनियों पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की, जिससे अवैध भू-प्रयोग और कॉलोनियों के अनियमित विस्तार पर नकेल कसी जा सके।
प्राधिकरण को सूचना मिली थी कि ग्राम मुड़िया अहमदनगर क्षेत्र में कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा बिना मानचित्र स्वीकृति प्राप्त किए बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग और कॉलोनी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जांच में पाया गया कि लगभग 2000 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध रूप से सड़क निर्माण, बाउंड्री वॉल और भूखंडों का अवैध चिन्हांकन किया जा रहा था। तथा इसके अतिरिक्त, नकटिया नदी के किनारे 6000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भी इसी प्रकार की अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी, जिसमें भी बिना किसी वैध अनुमति के विकास कार्य किया गया।तथा दोनों स्थानों पर प्राधिकरण की टीम ने मौके पर पहुंचकर तत्काल ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। तथा अभियान का नेतृत्व प्राधिकरण के अवर अभियंता अजीत कुमार, सीताराम, बौद्धमणि गौतम और संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने किया। उनके साथ प्रवर्तन दल के अन्य सदस्य भी शामिल थे। टीम ने मौके पर जाकर दोनों कॉलोनियों में चल रहे निर्माण कार्यों को रुकवाया और अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस बल की सहायता से यह सुनिश्चित किया कि कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी की जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।ध्वस्तीकरण के दौरान ड्रोन कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई, ताकि भविष्य में कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद रहें।
बरेली विकास प्राधिकरण ने एक बार फिर सभी नागरिकों और निवेशकों को आगाह किया है कि कोई भी व्यक्ति यदि भूखंड या मकान खरीदने की योजना बना रहा है, तो वह सबसे पहले संबंधित संपत्ति की मानचित्र स्वीकृति की स्थिति की जांच अवश्य कर लें। बिना स्वीकृति के की गई प्लाटिंग, निर्माण अथवा कॉलोनी विकास पूर्णतः अवैध है।
प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे निर्माणों पर भविष्य में कभी भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें संपत्ति का ध्वस्तीकरण भी शामिल है। इस प्रकार की कार्रवाई में होने वाली आर्थिक हानि और कानूनी जटिलताओं की पूरी जिम्मेदारी निर्माणकर्ता और भूखंड विक्रेता की होगी। तथा कानून की अवहेलना पर सख्त रुख, प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के अंतर्गत बिना अनुमति किसी भी तरह का विकास कार्य करना दंडनीय अपराध है। ऐसे मामलों में संबंधित धाराओं के अंतर्गत अभियोजन की कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, अवैध कॉलोनियों में संपत्ति खरीदने वाले आम नागरिकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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