ब्यूरो चीफ //राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश…8889284934
रीवा। मध्यप्रदेश वन विभाग के तत्वावधान में वन मंडल रीवा द्वारा जयन्ती कुंज परिसर में सैकड़ो विद्यार्थियों ने पर्यावरणीय उत्सव मनाया। दीवारों पर बाघ, पक्षियों और रंगबिरंगी तितलियों के आकर्षण चित्र बनाकर पुरस्कार जीतने के साथ, नदी-जंगल का शैक्षणिक भ्रमण कर विभिन्न वनस्पतियों के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। विभाग द्वारा स्कूल एवं कालेज के सभी सदस्यों को विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी प्रदान किये गए। समूह में आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट मार्तण्ड विद्यालय के बच्चों ने प्रथम तथा केन्द्रीय विद्यालय ने द्वितीय स्थान अर्जित किया।
वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के समापन अवसर पर आयोजित पर्यावरणीय उत्सव में सीसीएफ आनंद कुमार सिंह, डीएफओ चन्द्रशेखर सिंह, कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य एवं वनस्पतिशास्त्री डॉ नीता सिंह, समाजशास्त्री डॉ रचना श्रीवास्तव, पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ मुकेश येंगल, एसडीओ ऋषि मिश्र, कार्तिक नायक, नरेन्द्र त्रिपाठी, जीडीसी से डॉ राजेश कुशवाहा, डॉ वरुण शुक्ला, नेयुके से जेआर पाण्डेय, विकास सोनी, वन विभाग के राजीव खरे, राजेश निगम सहित विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सीसीएफ आनंद कुमार सिंह ने विद्यालय एवं महाविद्यालय की छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को प्रकृति के दोस्त बनकर जीना चाहिए, क्योंकि सच्चे दोस्त किसी को नुकसान नही पहुंचाते। उन्होंने कहा कि पौधे फैशन में नहीं ,सबके हित मे लगाइए। प्राचार्य डॉ नीता सिंह ने कहा कि हम सभी को विन्ध्य की जैव विविधता को जानना समझना चाहिए और इसे बचाने के प्रयास करने चाहिए। डॉ मुकेश येंगल ने कहा कि विंध्यक्षेत्र, देश का सर्वश्रेष्ठ एवं प्रकृति का लाडला क्षेत्र है। भारत के किसी भी जिले में पांच-पांच जलप्रपात नही है सिवाय रीवा के। यहीं पर प्रागेतिहासिक काल के शैलचित्रों का अकूत भंडार है। डॉ येंगल ने कई उदाहरणों और सत्यापित तथ्यों के साथ विन्ध्य की समृद्ध जैवविविधता को उल्लिखित किया। कार्यक्रम का संचालन एसडीओ फारेस्ट कार्तिक नायक ने किया।