नवरात्रों में पूरे विधि विधान से पूजन करने होती है देवी मां भगवती प्रसन्न : आचार्य लेखवार।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जयराम विद्यापीठ में नवरात्रों के सातवें दिन हुई मां कालरात्रि की पूजा।
कुरुक्षेत्र, :28 मार्च : जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ब्रह्मचारियों के साथ सर्वकल्याण के लिए नवरात्रों के अवसर पर दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान करवा रहे हैं। साथ ही निरंतर महामृत्युंजय मंत्र जाप भी चल रहा है। नवरात्रों के सातवें दिन यजमान के तौर पर परिवार शामिल हुए। आचार्य लेखवार ने चैत्र नवरात्रों के सातवें दिन मां कालरात्रि की विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की। उन्होंने बताया कि मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करने से दुष्टों का अंत होता है। देवी मां के इस रूप को साहस और वीरता का प्रतीक मानते हैं। मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा ने दुष्टों का विनाश करने के लिए यह रूप लिया था। आचार्य लेखवार ने बताया कि नवरात्रों के अवसर पर प्रतिदिन नियमानुसार तथा विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए। शुद्ध मन से और सात्विक तरीके से किये गए पूजन से प्रसन्न होकर मां भगवती जीवन के सभी कष्टों और दुखों को दूर कर देती है। उन्होंने बताया कि नवरात्रों के समापन पर नियमानुसार भोग लगाएं तो इसका कई गुणा लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि दुर्गा अष्टमी के दिन मां भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस अवसर पर के के कौशिक एडवोकेट, खरैती लाल सिंगला, सुरेंद्र गुप्ता, पवन गर्ग, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक व राम जुहारी इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्र पूजन करते हुए।