वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
वीरांगनाओं को व्यायाम और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देंगे ‘आधुनिक युग के द्रोणाचार्य।
कुरुक्षेत्र, 17 जून : गुजरात के महामहिम राज्यपाल आचार्यश्री देवव्रत जी के प्रयासों से गुरुकुल परिसर में सार्वदेशिक आर्य वीरांगना दल के ‘राष्ट्रीय शिविर’ का रविवार सायं भव्य उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर ‘आधुनिक युग के द्रोणाचार्य’ के रूप में विख्यात सार्वदेशिक आर्य वीर दल के अध्यक्ष स्वामी डाॅ. देवव्रत एवं सार्वदेशिक आर्य वीरांगना दल की प्रधान संचालिका व्रतिका आर्या मुख्य रूप से उपस्थित रहे। गुरुकुल में पहुंचने पर प्रधान राजकुमार गर्ग, प्राचार्य सूबे प्रताप एवं व्यवस्थापक रामनिवास आर्य ने सभी अतिथियों का जोरदार स्वागत किया। अतिथियों द्वारा ‘ओ३म्-ध्वज’ फहराकर शिविर आरम्भ की विधिवत घोषणा की गई। मंच का सफल संचालन मुख्य संरक्षक संजीव आर्य द्वारा किया गया।
प्रधान राजकुमार आर्य ने बताया कि शिविर में कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक के अलावा राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न प्रान्तों से लगभग 400 आर्य वीरांगनाएं भाग ले रही है। 16 से 25 जून तक चलने वाले इस राष्ट्रीय शिविर में स्वामी डाॅ. देवव्रत के साथ उनकी टीम के शामिल उच्च कोटि के प्रशिक्षक, प्रशिक्षिकाएं और अनेक विद्वान आर्य वीरांगनाओं को शारीरिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जिससे ये बेटियां विकट परिस्थितियों में अपनी और दूसरों की सुरक्षा कर सकें। साथ ही वीरांगनाओं को पाखण्ड, अंधविश्वास, गुरुड़म् व समाज में फैली अन्य कुरीतियों को दूर करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुरुकुल का वेद प्रचार विभाग निरन्तर इस कार्य को निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ा रहा है। महाशय जयपाल आर्य, जसविन्द्र आर्य और अनेक योग शिक्षकों की टोलियां गांव-गांव जाकर स्कूल, काॅलेजों में सात दिवसीय शिविर लगाकर युवाओं को योग, प्राणायाम का प्रशिक्षण देने के साथ ऋषि दयानन्द के मिशन और आर्य समाज के सिद्धान्तों से रूबरू करवाते हैं। राष्ट्रीय शिविर में भी इन्हीं शिविरों में पहले प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली आर्य वीरांगनाएं उच्च स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु शामिल हुई हैं।