आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व एवं व्यापक सहभागिता के केंद्रीकरण के विषय में दिया मार्गदर्शन

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली : जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आज आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका के संबंध में आयोजित मंडल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संजय कम्युनिटी में किया गया।
कार्यशाला में विभिन्न प्रकार की आपदाओं का परिदृश्य, आपदा जोखिम प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण के उपाय तथा राहत मानक, महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भागीदारी, आपदा के दौरान आपातकालीन स्थितियों में महिलाओं की प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रुप में भूमिका, बुनियादी जीवन रक्षक कौशल एवं प्राथमिकी चिकित्सा पर प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन से सम्बन्धित विभिन्न वीडियो एवं आई0ई0सी0 सामग्री का प्रदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी।
जिलाधिकारी ने बाढ़ के जोखिम से बचने के लिए बांध या तटबंध बनाना, उच्च जोखिम क्षेत्रों में बसाव को रोकना, आपदा-रोधी भवन का निर्माण करना, आपदा घटने से पहले जोखिम को कम करने के तरीके तलाशना आदि के बारें में बताया।
जिलाधिकारी ने कहा कि दैवीय आपदाओं के समय खिड़कियों से दूर रहें शीशे के टूटे टुकड़े क्षति पहुंचा सकते हैं, मजबूत मेज के नीचे छुपे या अन्दरूनी दीवार या स्तम्भ के सहारे खड़े रहें, यदि घर के अन्दर हैं तो गिर सकने वाली भारी वस्तुओं से दूर रहें, अगर घर से बाहर हैं तो खुली जगह तलाशें आदि जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व एवं व्यापक सहभागिता के केंद्रीकरण के विषय में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि एक दिवसीय मण्डल स्तरीय कार्यशाला के माध्यम से दैवीय आपादाओं से कैसे बचा जा सके आदि के विषय पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी आपदा आती है तो उसमें घर के बूढ़े-बुजुर्गों तथा महिलाओं को सबसे ज्यादा हानि पहुंचती है। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि आज आप लोगों यहां जो भी प्रशिक्षण दिया जाये उसे भली प्रकार से सीख लें तथा अपने आस-पास के लोगों को दैवीय आपदा से कैसे बचा जाये इसकी जानकारी अवश्य दें। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी आपदा आने की संभावना हो तो उसकी सूचना सम्बंधित अधिकारियों को अवश्य दें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा आपदा की चेतावनी हेतु दामिनी ऐप बनाया गया है, ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड  कर लें, जिससे दैवीय आपदा आने से पूर्व यह एप आपको सचेत कर सके।
आपदा विशेषज्ञ शाहजहांपुर डॉ0 महजर रशीदी ने बताया कि आपदा के समय सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में बाढ़ अक्सर आती रहती है, जिससे जनमानस को अधिक संख्या में हानि होती है। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी जानकारी भी हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है, दैवीय आपदा से यदि किसी व्यक्ति को कोई हानि होती है तो उस व्यक्ति को नजदीकी सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 में भर्ती करायें, जिससे उसका समय से इलाज मिल सके।
कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) संतोष बहादुर सिंह, कार्यक्रम संचालक अवनीश, बरेली मण्डल की स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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